मोदी सरकार में आधे से ज्‍यादा CA और डॉक्टर नहीं दे रहे टैक्‍स, आंकड़ों में खुलासा

देश में पिछले चार साल में अलग-अलग कैटेगरी के ऐसे करदाताओं की संख्या 60 प्रतिशत बढ़कर 1.40 लाख हो गई है. लेकिन इसमें सभी पेशेवर ईमानदारी से अपने कर की भुगतान कर रहे हैं ऐसा नहीं है. देश में सबसे ज्यादा वेतनभोगी वर्ग टैक्स का भुगतान कर रहा है.

देश में पिछले चार साल में अलग-अलग कैटेगरी के ऐसे करदाताओं की संख्या 60 प्रतिशत बढ़कर 1.40 लाख हो गई है. लेकिन इसमें सभी पेशेवर ईमानदारी से अपने कर की भुगतान कर रहे हैं ऐसा नहीं है. देश में सबसे ज्यादा वेतनभोगी वर्ग टैक्स का भुगतान कर रहा है.

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nitu pandey
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मोदी सरकार में आधे से ज्‍यादा CA और डॉक्टर नहीं दे रहे टैक्‍स, आंकड़ों में खुलासा

मोदी सरकार में आधे से ज्‍यादा CA और डॉक्टर नहीं दे रहे टैक्‍स (प्रतिकात्मक फोटो)

देश में पिछले चार साल में अलग-अलग कैटेगरी के ऐसे करदाताओं की संख्या 60 प्रतिशत बढ़कर 1.40 लाख हो गई है. लेकिन इसमें सभी पेशेवर ईमानदारी से अपने कर की भुगतान कर रहे हैं ऐसा नहीं है. देश में सबसे ज्यादा वेतनभोगी वर्ग टैक्स का भुगतान कर रहा है.लेकिन सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) की हालिया रिपोर्ट में सामने आया है कि देश के आधे से ज्यादा डॉक्टर, इंजीनियर और सीएम टैक्स का भुगतान नहीं करते हैं.

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आंकड़ों के मुताबिक 10 में से 5 डॉक्टरों ने साल 2017-18 में अपने कर का भुगतान नहीं किया. यानी 50 प्रतिशत डॉक्टर ने टैक्स नहीं चुकाया. देश में 4,21,920 मेडिकल पेशेवर करदाताओं की सूची में सूचीबद्ध हैं, जबकि, देश में डॉक्टरों की संख्या 9 लाख से भी अधिक है. 

वहीं, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) की बात करें तो उनकी भी संख्या आधी है जो टैक्स देते हैं. नंबर की बात करें तो केवल 1,03,049 सीए हैं जो टैक्स चुकाते हैं, जबकि इनकी संख्या करीब दोगुनी है.

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जबकि वकीलों के मामले में तो आंकड़ा और चौंकाने वाली है. देश में कुल 13 लाख वकील है जिसमें से 2.6 लाख ही अपने टैक्स का भुगतान करते हैं, जबकि 75 प्रतिशत वकील इनकम टैक्स नहीं देते हैं.

रिपोर्ट में यह बात सामने आया है कि 3 साल में वेतनभोगी करदाताओं की संख्या 1.70 करोड़ से बढ़कर 2.33 करोड़ हो गई है. मतलब 37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. जबकि गैर-वेतनभोगी करदाताओं की संख्या इससे कम है.

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इसके साथ ही सीबीडीटी के रिपोर्ट के अनुसार एक करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना आय वाले व्यक्तिगत करदाताओं की संख्या पिछले तीन साल में 68 प्रतिशत बढ़ी है. सीबीडीटी ने कहा, ‘एक करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना आय वाले कुल करदाताओं (कंपनियों, फर्में, हिंदू अविभाजित परिवार) की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है.'

Source : News Nation Bureau

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