देश की 23 आईआईटी में एक समय मेट्रो शहरों के पढ़े लिखे लोगों का ही दबदबा माना जाता था, जो अब बदल रहा है। इस साल आईआईटी जेईई एडवांस की परीक्षा में 1.7 लाख छात्र शामिल होने वाले है।
आकड़ों के मुताबिक इन परीक्षार्थियों में ओबीसी छात्रों की संख्या, जनरल कैटिगरी के छात्रों के लगभग बराबर पहुंच गई है। इस परीक्षा में जनरल कैटेगरी से 69,000 छात्र जनरल और ओबीसी कैटेगरी से 64,000 छात्र शामिल हो रहे है।
स्टेट बोर्ड के सफल उम्मीदवारों में भी जनरल कैटेगरी की तुलना में ओबीसी छात्रों की संख्या ज्यादा है। हालांकि ओबीसी छात्रों के लिए क्वालीफाइिंग स्कोर 41 हैं वहीं जनरल वर्ग के लिए 81 है।
महाराष्ट्र, तमिल नाडु गुजरात, तेलंगाना, आंध्र, कर्नाटक, केरल और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में ओबीसी और एससी कैटिगरी के ज्यादा छात्र IIT की फाइनल परीक्षा के लिए क्वालिफाइ कर पाए हैं।
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अभी तक आईआईटी की सीटों पर सीबीएसई के छात्रों का सबसे ज्यादा कब्जा रहा है। लेकिन अब ये ट्रेंड बदल रहा है। साल 2012 में 57 फीसदी छात्रों ने सीबीएसई के छात्रों ने दाखिला लिया था लेकिन 2014 ज्यादा ये घटकर 42 फीसदी ही रह गई है। हालांकि आईआईटी जेईई मेंस की मेरिट लिस्ट में इस बार सीबीएसई का ही दबदबा रहा।
जेईई के एक अधिकारी का कहना है कि कई ओबीसी स्टूडेंट्स जनरल कैटिगरी में क्वालिफाइ करेंगे और वे कोटे की सीट नहीं लेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि इस बार मेंस में क्वालीफाइड 2.2 लाख छात्रों में जनरल कैटेगरी के कई छात्र एडवांस में शामिल नहीं हो रहे हैं। ऐसे में दोनों कैटेगरी में कम अंतर होने का ये भी एक कारण हो सकता है
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Source : News Nation Bureau