logo-image

दिल्ली में सिर्फ 9 दिनों में 2500 से 22 हजार पहुंचे Covid केस, आगे कितना डर

राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, रविवार को दिल्ली के सभी अस्पताल के बिस्तरों में से लगभग 88 प्रतिशत बिस्तर खाली थे. शहर में, वर्तमान में कोविड-19 रोगियों के लिए 14,000 से अधिक बिस्तर अलग से तैयार किए गए हैं.

Updated on: 10 Jan 2022, 11:24 AM

highlights

  • साल के पहले दिन दिल्ली में सिर्फ 2,716 नए मामले हुए थे दर्ज
  • केस बढ़ने के बावजूद अस्पताल नहीं जा रहे लोग, 88 प्रतिशत बिस्तर है खाली
  • कोविड मामले को लेकर आज डीडीएमए की एक और बैठक होगी

 

 

दिल्ली:

Delhi Coivd Case Spike : दिल्ली (Delhi) भारत के उन क्षेत्रों में से एक है जो एक कोरोना वायरस बीमारी की लहर से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. सबसे अधिक म्यूटेशन वाली ओमीक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) के प्रसार के बाद दिल्ली में कोविड से प्रभावित मरीजों का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है. साल के पहले दिन दिल्ली में सिर्फ 2,716 नए मामले दर्ज किए गए थे जिसके बाद केसों की संख्या लगातार तेजी से बढ़ती जा रही है. केसों की संख्या 4 जनवरी को 5,481 तक पहुंच गए. हालांकि, यह संख्या अगले दिन लगभग दोगुनी हो गई जब यह संख्या 10,665 तक पहुंच गई. अगले पांच दिनों में 23.53 प्रतिशत की पॉजिटिविटी रेट (Positivity Rate) के साथ यह आंकड़ा दोगुने से अधिक पार कर गया और यह संख्या 9 जनवरी को 22,751 पर पहुंच गई. फिलहाल दिल्ली में 17 मौतें भी हुई हैं जो पिछले साल 16 जून के बाद से एक दिन में सबसे अधिक मौतें हैं. हालांकि इस बीच राहत की बात यह है कि अस्पताल में भर्ती होने की दर काफी धीमी है. यह दर्शाता है कि पिछले साल अप्रैल में दूसरी लहर के दौरान डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ओमीक्रॉन वेरिएंट वाला संक्रमण माइल्ड है. 

यह भी पढ़ें : आज से कोरोना वैक्सीन की प्रिकॉशन डोज शुरू, जानें हर सवाल का जवाब

राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, रविवार को दिल्ली के सभी अस्पताल के बिस्तरों में से लगभग 88 प्रतिशत बिस्तर खाली थे. शहर में, वर्तमान में कोविड-19 रोगियों के लिए 14,000 से अधिक बिस्तर अलग से तैयार किए गए हैं जिनमें से 2,000 से भी कम बिस्तर पर कोविड मरीज के भर्ती हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि घबराने की जरूरत नहीं है. केजरीवाल ने रविवार को कहा, आखिरी कोविड लहर के दौरान 7 मई, 2021 को एक दिन में 20,000 मामले दर्ज किए गए थे और 341 मौतें हुईं थी. साथ ही 20,000 अस्पताल के बिस्तरों पर कोविड से पीड़ित मरीज भर्ती थे. वहीं दिल्ली में 8 जनवरी को 20,000 मामले दर्ज किए, लेकिन केवल सिर्फ सात मौतें हुईं और सिर्फ 1,500 बेड भरे हुए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अगर हर कोई कोविड-19 का सही तरही के नियमों का पालन करता है तो दिल्ली सरकार को लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं होगी.

दिल्ली में फिलहाल येलो अलर्ट

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के अनुसार, दिल्ली वर्तमान में येलो अलर्ट के तहत है. इसके तहत रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक रात के कर्फ्यू की घोषणा की गई है, जो सभी गैर-जरूरी गतिविधियों को प्रतिबंधित करता है. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक के बाद कोविड-19 के आगे प्रसार की जांच के लिए दिल्ली सरकार ने 7 जनवरी को रात 10 बजे से 10 जनवरी को सुबह 5 बजे तक सप्ताहांत कर्फ्यू लागू किया था. विशेषज्ञों और शीर्ष अधिकारियों के साथ कोविड-19 स्थिति पर चर्चा करने और यह तय करने के लिए कि क्या दिल्ली में कोविड के बढ़ते मामलों की जांच के लिए और प्रतिबंधों की जरूरत है. डीडीएमए की एक और बैठक सोमवार को होगी.