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सिर्फ 13 दिन में बढ़ गए 900 मरीज, ICMR ने कोरोना सामुदायिक संक्रमण किया खारिज

आईसीएमआर यह कहता रहा है कि अभी तक सामुदायिक संचार का 'कोई पुख्ता सबूत' नहीं है. यह अलग बात है कि भारत में कोरोना वायरस (Corona Virus) का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है.

Updated on: 29 Mar 2020, 09:07 AM

highlights

  • 5 मार्च तक देश में थे सिर्फ 100 मामले.
  • 13 दिन में बढ़ गए 900 संक्रमित.
  • हालांकि सामुदायिक संचार नहीं.

नई दिल्ली:

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने सामुदायिक संचार (Community Transmission) की आशंका को खारिज करते हुए कहा कि मामले में बढ़ोतरी इतनी अधिक नहीं है कि जिससे यह संकेत मिले कि वायरस तेजी से फैल रहा है. आईसीएमआर यह कहता रहा है कि अभी तक सामुदायिक संचार का 'कोई पुख्ता सबूत' नहीं है. यह अलग बात है कि भारत में कोरोना वायरस (Corona Virus) का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. देश में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1000 के पार चली गई है. अब तक इस वायरस से 24 लोगों की जान गई है. वहीं, महाराष्ट्र और केरल में तेजी से मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है.

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राज्यवार आंकड़ा
अब तक महाराष्ट्र में छह, गुजरात में चार, कर्नाटक में तीन, मध्य प्रदेश और दिल्ली में दो-दो और तमिलनाडु, बिहार, पंजाब, बंगाल, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और केरल में एक-एक व्यक्ति की जान जा चुकी है. मुंबई में एक दिन पहले जिस 85 साल के डॉक्टर की मौत हुई थी, उसकी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. डॉक्टर की मौत के बाद सैफी अस्पताल के आइसीयू, सीटी स्कैन और कुछ अन्य विभागों को सील कर दिया गया है. इस डॉक्टर के 50 साल के बेटे को भी पॉजिटिव पाया गया है. इन लोगों के संपर्क में आए सैफी अस्पताल के डॉक्टर और मरीजों समेत 40 लोगों को आइसोलेट कर दिया गया है और उनकी जांच कराई जा रही है.

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15 मार्च तक थे 100 मामले
देश में 15 मार्च तक करीब 100 मामले सामने आए थे, लेकिन इसके बाद कोरोना ने स्पीड पकड़नी शुरू कर दी और उसका ग्राफ हर गुजरते दिन के साथ बढ़ता गया. सरकार भी कोरोना की तेज गति का एहसास हो गया, जिसके मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से एक दिन के जनता कर्फ्यू का आह्वान किया. 22 मार्च को देशवासियों ने घर में रहकर पीएम की अपील को सफल भी बनाया, लेकिन इतना नाकाफी रहा. 15 मार्च तक कोरोना मरीजों का जो आंकड़ा 100 के आसपास घूम रहा था वो अगले 13 दिन में ही बढ़कर 1000 के पार पहुंच गया. यानी कोरोना वायरस के अचानक तेजी पकड़ने की जो चिंता व्यक्त की गई थी, वो आंकड़ों में हर गुजरते दिन के साथ नजर भी आ रही है.

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लॉकडाउन में मजदूरों का पलायन चिंता का विषय
लॉकडाउन के बाद देशभर में मजदूरों का अपने-अपने घर के लिए पलायन एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है. दिल्ली एनसीआर का हाल बुरा है, जहां मजदूर, रिक्शाचालक और फैक्ट्री कर्मचारी अपने-अपने गांव की ओर लौटने के लिए हजारों की तादाद में निकल पड़े हैं. लेकिन सिर्फ दिल्ली-एनसीआर ही नहीं बल्कि देश के दूसरे छोटे-बड़े शहरों से भी लोगों का पलायन यूं ही जारी है. लॉकडाउन के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की और प्रवासी मजदूरों के पलायन को रोकने को कहा. साथ ही बेघरों, मजदूरों के रहने का इंतजाम करने, भोजन, दवा और कपड़ा मुहैया कराने को भी कहा गया है.