पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान ने सत्तारूढ़ गठबंधन पर सबसे बड़े राजनीतिक दल के खिलाफ सेना को खड़ा करने और जनता के बीच नफरत फैलाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है और चेतावनी दी है कि इससे देश बिखर सकता है।
डॉन न्यूज ने पूर्व प्रधानमंत्री के हवाले से कहा, पीडीएम (पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट) नेताओं और नवाज शरीफ को इस बात की कोई चिंता नहीं है कि देश के संविधान का अपमान किया गया है, राज्य संस्थानों को नष्ट कर दिया गया है या यहां तक कि पाकिस्तानी सेना भी बदनाम हो गई है। वे केवल लूटे गए धन को बचाने के अपने निहित स्वार्थों की तलाश कर रहे हैं।
पीटीआई प्रमुख ने कहा, मैं एक भयावह सपना देख रहा हूं कि देश एक आसन्न आपदा की ओर बढ़ रहा है।
9 मई को गिरफ्तारी के बाद हुए दंगों के बारे में खान ने जोर देकर कहा कि यह पूरी तरह से पीडीएम सरकार और पंजाब प्रांत की कार्यवाहक सरकार की ओर से रची और अंजाम दी गई साजिश थी।
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, घटना के तुरंत बाद, उन्होंने कहा कि सरकार ने पीटीआई को आतंकवादी पार्टी घोषित करने के लिए हिंसा के बहाने न्यायाधीश, जूरी और जल्लाद की भूमिका निभाई है।
उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, यह सही समय है कि जो शक्तियां हैं, उन्हें समझदारी से पुनर्विचार करना चाहिए अन्यथा देश को पूर्वी पाकिस्तान जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
खान ने कहा कि हाल के एक सर्वेक्षण से पता चला है कि पाकिस्तान की 70 प्रतिशत आबादी पीटीआई के साथ खड़ी है और शेष 30 प्रतिशत लोग उन सभी पार्टियों के साथ हैं जो पीडीएम का हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक अस्थिरता को समाप्त करने का एकमात्र उपाय चुनाव कराना है।
खान ने अनुरोध किया, मैं सत्ता से अपील करता हूं कि चुनाव होने दें और देश को बचाएं।
खान ने कहा, मैंने बार-बार कहा है कि मैं राज्य के संस्थानों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता हूं। मैंने तब हस्तक्षेप नहीं किया जब मैंने रिपोर्ट की पुष्टि की थी कि पूर्व सेना प्रमुख मेरे खिलाफ साजिश कर रहे थे।
उन्होंने दावा किया कि कुछ राजनेता वर्तमान सेना प्रमुख से कह रहे थे कि अगर सत्ता में आए तो खान उन्हें डी-नोटिफाई कर देंगे।
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Source : IANS