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मणिपुर में भाजपा ने लगातार दूसरी बार सत्ता बरकरार रखी (लीड-1)

मणिपुर में भाजपा ने लगातार दूसरी बार सत्ता बरकरार रखी (लीड-1)

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IANS
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Imphal BJP

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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पूर्वोत्तर क्षेत्र में असम के बाद भाजपा ने अपने दम पर पूर्ण बहुमत हासिल करते हुए 60 सदस्यीय विधानसभा में 32 सीटें जीतकर मणिपुर में लगातार दूसरी बार सत्ता बरकरार रखी है।

चुनाव आयोग की घोषणा के अनुसार, सत्तारूढ़ भाजपा ने 2017 में 21 सीटों और 36.3 प्रतिशत वोटों के मुकाबले इस बार 37.83 प्रतिशत वोट हासिल किए। पार्टी पिछले चुनाव में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के साथ गठबंधन में पहली बार पूर्वोत्तर राज्य में सत्ता में आई थी। सरकार को एनपीपी के चार, नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के चार, तृणमूल कांग्रेस के एक और एक निर्दलीय सदस्य का समर्थन मिला था।

भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने पांच सीटें जीती हैं, उसने भगवा पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार को अपना समर्थन देने का संकेत दिया है।

चुनाव आयोग के परिणामों के अनुसार, भाजपा की एक अन्य सहयोगी एनपीपी को सात सीटें मिलीं और जनता दल (युनाइटेड) ने छह सीटें हासिल कीं, तीन निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपनी सीटें जीतीं और एक स्थानीय पार्टी कुकी पीपुल्स एलायंस ने दो सीटें जीतीं।

मुख्य विपक्षी कांग्रेस, जो 2017 के विधानसभा चुनावों में 28 सीटें हासिल करके सबसे बड़ी पार्टी बन गई थी, ने केवल पांच सीटें जीतीं।

कांग्रेस ने 2017 के चुनावों में 35.5 फीसदी वोट हासिल किए थे, लेकिन इस बार केवल 16.83 फीसदी वोट ही हासिल कर पाई।

रिकॉर्ड 5वीं बार अपनी पारंपरिक सीट हींगंग से जीतने वाले मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने मीडिया से कहा कि भाजपा छोटे दलों के समर्थन से सरकार बनाएगी।

मुख्यमंत्री ने मीडिया से कहा, प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी), गृहमंत्री (अमित शाह) और राष्ट्रीय पार्टी अध्यक्ष (जेपी नड्डा) के परामर्श से गठबंधन सरकार बनाने की रणनीति बनेगी और निर्णय लिया जाएगा। इससे पहले उन्होंने श्री श्री गोविंदजी मंदिर में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के साथ पूजा-अर्चना की।

भाजपा से अलग हुई सहयोगी एनपीपी, जिसने पांच साल पहले चार सीटें जीती थीं, इस बार सात सीटें जीतकर मणिपुर में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा के नेतृत्व में एनपीपी मेघालय लोकतांत्रिक गठबंधन सरकार में प्रमुख पार्टी है। दो विधायकों वाली भाजपा भी एमडीए सरकार की पार्टनर है।

इस बार भाजपा, एनपीपी और एनपीएफ ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था और एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए थे।

उल्लेखनीय उम्मीदवारों में पूर्व मंत्रियों और भाजपा के उम्मीदवारों थोकचोम राधेश्याम सिंह (हीरोक), नेमचा किपगेन (कांगपोकपी) ने अपनी सीटों पर जीत हासिल की।

तीन बार के मुख्यमंत्री (2002-1917) और कांग्रेस के दिग्गज नेता ओकराम इबोबी सिंह (थौबल), मणिपुर विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष थोकछोम लोकेश्वर सिंह (खुंदरकपम) और जनता दल (युनाइटेड) के शीर्ष नेता खुमुच्छम जॉयकिसन सिंह (थंगमीबंद) भी जीते हैं।

कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं के अलावा, इबोबी के बेटे ओकराम जॉय सिंह अपनी लांगथबल सीट भाजपा उम्मीदवार करम श्याम से हार गए।

उपमुख्यमंत्री और एनपीपी के वरिष्ठ नेता युमनाम जॉयकुमार सिंह अपनी उरीपोक सीट भाजपा उम्मीदवार ख्वैराकपम रघुमणि सिंह से 909 मतों के अंतर से हार गए।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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