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न्यायालय में महाभियोग समस्याओं का हल नहीं हो सकता, मुकदमों का आवंटन पारदर्शी हो: चेलमेश्वर

सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के बाद वरिष्ठतम न्यायाधीश जे चेलमेश्वर ने शनिवार को कहा कि आवश्यक और संवेदनशील मुकदमों का विभिन्न पीठों को आवंटन पारदर्शी तरीके से होना चाहिए।

Updated on: 07 Apr 2018, 11:28 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के बाद वरिष्ठतम न्यायाधीश जे चेलमेश्वर ने शनिवार को कहा कि आवश्यक और संवेदनशील मुकदमों का विभिन्न पीठों को आवंटन पारदर्शी तरीके से होना चाहिए।

चेलमेश्वर ने कहा, 'हम (मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा) रोस्टर तय करने के प्रधान के रूप में उनकी भूमिका को चुनौती नहीं दे रहे, लेकिन यह पारदर्शी तरीके से होना चाहिए।'

उन्होंने कहा, 'आप सर्वोच्च न्यायालय आते हैं और कॉरीडोर में टहलते समय सुनाई देगा कि मामलों का आवंटन पारदर्शी तरीके से नहीं हो रहा।'

चेलमेश्वर पत्रकार करण थापर से एक कार्यक्रम 'लोकतंत्र में न्यायपालिका की भूमिका' में बात कर रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन हारवर्ड क्लब ने किया। दोनों के बीच करीब 90 मिनट तक बातचीत हुई।

विपक्ष द्वारा मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग लाए जाने की चर्चा पर उन्होंने कहा कि सभी समस्याओं का यही एक हल नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ तंत्र बनाने की जरूरत होती है, जिससे इस तरह की समस्या उत्पन्न ही न हो।

उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह मामलों का आवंटन जारी रहा तो भारतीय लोकतंत्र को नुकसान पहुंचेगा।

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