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IMA के सदस्य ने केंद्र सरकार के नेशनल मेडिकल कमीशन को बताया अलोकतांत्रिक

सरकार के द्वारा लाए जा रहे नए बिल के खिलाफ एकदिवसीय हड़ताल के दौरान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने मंगलवार को नेशनल मेडिकल कमीशन को कठोर और अलोकतांत्रिक बताया है।

Updated on: 02 Jan 2018, 04:56 PM

highlights

  • मंगलावार को राज्यसभा में पेश किया गया नेशनल मेडिकल कमीशन बिल 2017
  • आईएमए ने इस बिल के खिलाफ देश भर में मंगलवार को एक दिन की हड़ताल रखी

नई दिल्ली:

सरकार के द्वारा लाए जा रहे नए बिल के खिलाफ एकदिवसीय हड़ताल के दौरान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के एक सदस्य ने मंगलवार को नेशनल मेडिकल कमीशन को कठोर और अलोकतांत्रिक बताया है।

मंगलवार को राज्यसभा में नेशनल मेडिकल कमीशन बिल 2017 पेश किया गया, जिसमें मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) को खत्म कर एक नए संगठन की मांग है।

एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए आईएमए के डॉ पार्थिव सांघवी ने कहा, 'आईएमए नेशनल मेडिकल आयोग के खिलाफ है क्योंकि यह एक सरकारी संस्था है, जहां 90 प्रतिशत सदस्यों की नियुक्ति सरकार के द्वारा की जाएगी।'

उन्होंने कहा, 'नेशनल मेडिकल कमीशन की संरचना काफी कठोर, अलोकतांत्रिक, असंसदीय और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के द्वारा बनाए गए आधारभूत संरचना और नियम के खिलाफ है।'

उन्होंने कहा कि मेडिकल सुमदाय के लिए नारा है- नो टू एनएमसी (नेशनल मेडिकल कमीशन को न कहें)।

डॉ सांघवी ने कहा, 'केंद्र सरकार ने हमें मेडिकल पेशे के इतिहास में इसे एक 'काला दिन' बुलाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं दिया है। नो टू एनएमसी मेडिकल सुमदाय के साथ साथ सभी मरीजों के लिए भी एक नारा है।'

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बता दें कि फोर्टिस हेल्थकेयर ने भी आईएमए की हड़ताल को समर्थन दिया है। आईएमए ने बिल के खिलाफ मंगलवार को एक दिन की हड़ताल रखी।

मंगलवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने राज्यसभा में नेशनल मेडिकल कमीशन बिल 2017 का ड्राफ्ट पेश किया, जिसमें मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) को खत्म कर एक नए संगठन बनाया जाना है।

इससे पहले पिछले गुरुवार को लोकसभा में इसी ड्राफ्ट को नड्डा ने पेश किया था।

मंगलावार को जे पी नड्डा ने कहा, 'हड़ताल से पहले मंत्रालय ने आईएमए के साथ कल बातचीत की थी। हमने उन्हें सुना और अपना भी पक्ष उनके सामने रखा।'

क्या है नेशनल मेडिकल बिल 2017

इस बिल के पारित होने के बाद मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को खत्म कर एक नया आयोग बनाया जाएगा।

सरकार के अनुसार, पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस बिल में आयुर्वेद, योगा और नैचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध और होमियोपैथी को प्रैक्टिस करने वाले एक शॉर्ट टर्म 'ब्रिज' कोर्स पूरा करने के बाद, आधुनिक दवाओं की प्रैक्टिस कर सकते हैं।

इस बिल के क्लॉज 49 के मुताबिक, नेशनल मेडिकल कमीशन साल में एक बार केंद्रीय होम्योपैथी परिषद और केंद्रीय भारतीय दवा परिषद की संयुक्त बैठक बुलाएगी, जिसमें होम्योपैथी, दवाओं की भारतीय प्रणाली और दवाओं की आधुनिक पद्धति के बीच सामंजस्य को बढ़ाना है।

इसके अलावा मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाना भी बिल का प्रमुख उद्देश्य है, जो कि पूरे देश में भ्रष्टाचार और गैरकानूनी प्रैक्टिस के लिए चर्चा में है।

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