Advertisment

अवैध अतिक्रमण मामला: जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व में 150 साल पुरानी थपली बाबा मजार को किया जमीदोंज

अवैध अतिक्रमण मामला: जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व में 150 साल पुरानी थपली बाबा मजार को किया जमीदोंज

author-image
IANS
New Update
Illegal encroachment

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश की वन भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने का संकल्प लिया है। जिनके बाद अब लैंड जिहाद के मुद्दे पर ताबड़तोड़ कार्रवाई भी शुरू हो चुकी है। धामी सरकार अब प्रदेश की एक-एक इंच जमीन का हिसाब जुटाने में लग गई है। इसी कड़ी में प्रदेशभर में अवैध कब्जों पर कार्रवाई का सिलसिला भी जारी है।

इन दिनों उत्तराखंड के वन भूमि क्षेत्र में अतिक्रमण कर बनाए गए अवैध धार्मिक स्थलों को ध्वस्त किए जाने की कार्रवाई की जा रही है। अब तक पूरे राज्य में 300 के करीब मजारों को ध्वस्त किया गय। इसी कड़ी में जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व के अन्तर्गत वन क्षेत्र में अवैध धार्मिक संरचनाओं को हटाने की कार्रवाई की जा रही है। बिजरानी रेंज, आमडन्डा बीट के फूलताल ब्लाक स्थित थपली बाबा मजार को आज जमींदोज कर दिया गया। इससे नाराज स्थानीय लोगों ने यहां जमकर हंगामा किया। पुलिस ने किसी तरह लोगों का गुस्सा शांत कराया।

कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) के बिजरानी जोन में बनी सौ साल पुरानी मजार को प्रशासन व सीटीआर ने जेसीबी से हटा दी है। सूचना मिलते ही कांग्रेस कार्यकर्ता व मुस्लिम वर्ग के लोग भड़क गए। उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी। लेकिन पुलिस ने लोगों को समझाकर लोगों का आक्रोश शांत कराया।

सीटीआर के बिजरानी जोन में हाईवे से आधे किलोमीटर दूर पहाड़ी में थपली बाबा के नाम से मजार बनी थी। यह मजार हिंदू व मुस्लिम सम्प्रदाय की आस्था से जुड़ी थी। हिंदू लोग भी मजार में मन्नत पूरी होने पर चादर चढ़ाते थे। शासन की सख्ती के बाद अवैध मजारों के चिन्हीकरण में थपली बाबा मजार भी चिन्हित हुई थी।

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी रेंज के रेंजर बिंदरपाल ने बताया की धार्मिक संरचना के धारणाधिकार की पुष्टि न होने के कारण मजार को अवैध मानते हुए पुलिस और प्रशासन के सहयोग से हटा दिया है। पूर्व मे टाइगर रिजर्व द्वारा संबंधित मजार को धारणाधिकार प्रस्तुत करने के लिए नोटिस दिया गया था।

लेकिन नोटिस के बाद भी किसी भी प्रकार से स्वामित्व की पुष्टि न होने के कारण धार्मिक संरचना को अवैध चिन्हित करते हुए हटा दिया गया है। चर्चाओं के मुताबिक यहां मजार 120 से डेढ़ सौ साल पुरानी मानी जा रही है।

रामनगर कोतवाल अरुण कुमार सैनी ने बताया कि अब स्थिति काबू में है। लोगों को समझा-बुझाकर शांत किया गया है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment