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बाहर निकाले जाने पर बोले रामगोपाल, 'पार्टी में रहें या ना रहें, अखिलेश के साथ हमेशा बने रहेंगे'

रामगोपाल ने कहा है कि उन्हें इसका दुःख नहीं कि वो पार्टी से निकाल दिए गए हैं बल्कि उन्हें निजी हमलों ने आहत किया है।

Updated on: 23 Oct 2016, 09:04 PM

नई दिल्ली:

पार्टी से निकाले जाने के बाद रामगोपाल ने कहा है कि उन्हें इसका दुःख नहीं कि वो पार्टी से निकाल दिए गए हैं बल्कि उन्हें निजी हमलों ने आहत किया है। उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा और निराधार बताया है। रामगोपाल ने कहा कि राजनीति में अन्य दलों के नेताओं से मुलाकात सामान्य बात है। ये सब राजनीतिक शिष्टाचार के नाते होता है। रामगोपाल ये जोड़ना नहीं भूले कि नेताजी के बुलावे पर प्रधानमंत्री मोदी भी तो सैफई आये थे।

उन्होंने यह भी कहा कि वो सीबीआई के किसी भी जांच का हिस्सा नहीं हैं। पार्टी के नेताओं के अपमान मसले पर बोले कि उन्होंने हमेशा कार्यकर्ताओं और गरीबों की मदद की है। साथ ही उन्होंने अपनी पक्षधरता साफ़ कर दी और कहा कि वो पार्टी में रहें या ना रहें, अखिलेश के साथ हमेशा बने रहेंगे।

इससे पहले रविवार सुबह रामगोपाल यादव ने कार्यकर्ताओं के नाम एक चिट्ठी में लिखा, "अखिलेश का विरोध करने वाले विधानसभा का मुंह नहीं देख पाएंगे, जहां अखिलेश, वहां विजय।" उन्होंने लिखा, "रथयात्रा विरोधियों के गले की फांस है, इस फांस को और मजबूत करना है।" रामगोपाल यादव ने कहा, "हम चाहते हैं कि अखिलेश के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार बने। वे चाहते हैं कि हर हालत में अखिलेश यादव हारें। हमारी सोच पॉजिटिव है और उनकी निगेटिव।"