पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को शहबाज शरीफ सरकार पर निशाना साधते हुए सर्वोच्च न्यायालय और पाकिस्तान के संविधान की पवित्रता को मौजूद खतरे के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया। मीडिया रिपोर्टों में यह बात कही गई है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने एक ट्वीट में कहा, सभी नागरिक शांतिपूर्ण विरोध के लिए तैयार रहें क्योंकि एक बार फिर संविधान और सुप्रीम कोर्ट नष्ट हो गए हैं। यह पाक के सपने का अंत है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने पिछले सप्ताह उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद हुए दंगों के बाद पीटीआई कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी की निंदा की।
उन्होंने कहा, तो इस बात की कोई जांच किए बिना कि सरकारी भवन पर आगजनी या गोली लगने से निहत्थे प्रदर्शनकारियों की दर्जनों मौतों के लिए कौन जिम्मेदार था, लगभग 7,000 पीटीआई कार्यकर्ताओं,नेताओं और हमारी महिलाओं को पाकिस्तान में सबसे बड़ी और एकमात्र संघीय पार्टी पर प्रतिबंध लगाने की योजना के साथ जेल में डाल दिया गया है।
अपदस्थ प्रधानमंत्री ने देश के सुरक्षा बलों पर संघीय सरकार के साथ सांठगांठ करने का आरोप लगाया, जिसे उन्होंने संविधान के विध्वंस के रूप में वर्णित किया। सोमवा को सुप्रीम कोर्ट के सामने पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के प्रदर्शन के दौरान एक गेट पर चढ़कर रेड जोन में प्रवेश करते लोगों के वीडियो साझा करते हुए उन्होंने लिखा, इस बीच हमारी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इन गुंडों को सुप्रीम कोर्ट को अपने कब्जे में लेने और संविधान को खत्म करने में मदद की जा रही है।
अर्धसैनिक रेंजर्स के कर्मी 9 मई को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) परिसर में घुस गए, जहां इमरान खान अपने खिलाफ भ्रष्टाचार की कार्यवाही का सामना करने के लिए अल-कादिर ट्रस्ट मामले के संबंध में पेश हुए थे, और राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) की ओर से की गई ताबड़तोड़ छापेमारी में पूर्व प्रधानमंत्री को अपने साथ ले गए।
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Source : IANS