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आईआईटी कानपुर सूरज के कई रहस्यों से उठाएगा पर्दा, जानें क्या है प्लानिंग 

आसपास का  तापमान 6000 डिग्री सेल्सियस और उससे कुछ दूरी पर उसकी आभा की परिधि पर 10 लाख डिग्री सेल्सियस होता है

Updated on: 10 Sep 2023, 11:26 PM

नई दिल्ली:

भारत के चंद्रयान मिशन के बाद आदित्य L1 मिशन की लांचिंग से स्पेस रिसर्च के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आ सकता है. आईआईटी कानपुर आदित्य एल-1 से मिलने वाले डाटा से सूरज के तमाम रहस्यों से पर्दा उठाने को तैयार है. सूरज के केन्द्र से दूर जाने पर तापमान क्यों बढ़ता है.  इस तथ्य की भी वैज्ञानिक आधार पता चल सकेगा. दरअसल सूर्य से निकलने वाली किरणों के आसपास का  तापमान 6000 डिग्री सेल्सियस और उससे कुछ दूरी पर उसकी आभा की परिधि पर 10 लाख डिग्री सेल्सियस होता है. 

आदित्य एल-1 से मिले डाटा से इस रहस्य को सुलझाया जा सकता है

आखिर क्यों दूर जाने पर तापमान कई गुना बढ़ जाता है? इसरो के आदित्य एल-1 से मिले डाटा से इस रहस्य को सुलझाया जा सकता है. आईआईटी कानपुर के अंतरिक्ष एवं खगोल विभाग और इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर ने रिसर्च की रूपरेखा तैयार की है. डाटा मिलते ही वैज्ञानिकों की टीम सूरज की रहस्यमई गुत्थी को सुलझाने के लिए  रिसर्च आरंभ करेगी. अभी तक सूरज के तापमान का रहस्य अनसुलझा रहा है. 

आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक बेहद उत्साहित

आदित्य एल-1 की सफलता से आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक बेहद उत्साहित हैं. वैज्ञानिक प्रोफेसर गोपाल हाजरा के अनुसार, आदित्य एल-1 सूर्य के लैंग्रेजियन बिंदु की कक्षा में स्थापित होगा और उसकी परिक्रमा करेगा. यह बहुत बड़ी कक्षा है और इसकी एक कक्षा   का चक्कर पूरा करने में लगभग 6 महीने लगेंगे. आदित्य एल-1 में लगे उपकरणों की मदद से सूर्य की आभा का डाटा काफी हद तक सटीक मापा जा सकेगा. इस डिवाइस से मिलने वाले डाटा की सहायता से सूर्य के तापमान और अन्य गूढ़ रहस्यों से जुड़े नए शोध संभव   हो सकेंगे. आदित्य एल-1 से मिलने वाले आंकड़ों से  मौसम संबंधी अध्ययन भी किया जा सकेगा. आईआईटी कानपुर आदित्य एल-1 से मिलने वाले डाटा के आधार पर एक थियोरेटिकल मॉडल भी बनाएगा. जो सूरज के रहस्य से पर्दा उठाने में मददगार साबित होगा और आगे रिसर्च के लिए प्लेटफार्म तैयार करेगा.