योग, शास्त्रीय संगीत, संस्कृत, पारंपरिक दवाओं के ज्ञान का संरक्षण करेगा आईआईटी
योग, शास्त्रीय संगीत, संस्कृत, पारंपरिक दवाओं के ज्ञान का संरक्षण करेगा आईआईटी
नई दिल्ली:
आईआईटी, गुवाहाटी में अत्याधुनिक नैनो प्रौद्योगिकी केंद्र (सीएनटी) और भारतीय ज्ञान प्रणाली केंद्र (सीआईकेएस) शुरू किया गया है। नैनो प्रौद्योगिकी केंद्र में नैनो-जैव-सामग्री, सूक्ष्म नैनो इलेक्ट्रॉनिक्स और ऊर्जा के क्षेत्रों में अनुसंधान किया जाएगा। यहां इनक्यूबेटर तथा अत्याधुनिक अनुसंधान प्रयोगशालाओं की सुविधा प्रदान किया जाएगा।सेंटर फॉर इंडियन नॉलेज सिस्टम (सीआईकेएस) उस ज्ञान के संरक्षण, दस्तावेजीकरण और उसे बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करेगा, जो भारत के लिए अद्वितीय है। शीर्ष प्राथमिकताओं में भारतीय शास्त्रीय संगीत, योग, संस्कृत, पारंपरिक दवाएं, मंदिर वास्तुकला, चीनी मिट्टी की परंपरा और पूर्वोत्तर भारत की विशेष कृषि पद्धतियां, स्वस्थ आहार के रूप में उत्तर-पूर्व के हर्बल पौधे और असम के धातुकर्म शामिल हैं।
विविध पृष्ठभूमि के विद्वानों को नए सीआईकेएस के अंत विषय अनुसंधान और शिक्षा कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे वे सतत प्रगतितथा विकास के लिए विभिन्न क्षेत्रों में प्रथाओं और प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में सक्षम होंगे।
वहीं नैनो टेक्नोलॉजी सेंटर (सीएनटी) का उद्देश्य भविष्य की चुनौतियों का सामना करना और नैनो टेक्नोलॉजी में उद्योग के साथ अकादमिक साझेदारी को बढ़ाना है। इस केंद्र के लिए मुख्य वित्तीय सहायता भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से प्राप्त की गई थी। इसमें उपकरण के अलावा भवन के लिए 37 करोड़ रुपए शामिल हैं। इसमें 25 उन्नत प्रयोगशालाएं शामिल होंगी, जो बहु-विषयक, वैज्ञानिक और सार्थक अनुसंधान में प्रगति पर ध्यान केंद्रित करेंगी।
यह अत्याधुनिक निर्माण, विशेषताओं और परीक्षण प्रयोगशालाओं के साथ एकीकृत 100 स्वच्छ कमरे की सुविधाओं से लैस है। सीएनटी वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा प्रायोजित दो विशिष्टता केंद्रों के साथ-साथ भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग की जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी)द्वारा प्रायोजित एक इनक्यूबेटर बायोनेस्ट को भी स्थान प्रदान करता है।
इस प्रकार सीएनटी भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के बीच तालमेल का एक अच्छा उदाहरण है। सेंटर फॉर नैनोटेक्नोलॉजी से अपेक्षित प्रमुख परिणामों में नैनो-सक्षम स्वास्थ्य देखभाल, ऊर्जा संचयनऔर एलईडी प्रोटोटाइप, उपकरण और प्रौद्योगिकियां, स्टार्ट-अप इनक्यूबेशन प्रणाली, अत्याधुनिक आरएंडडी आउटपुट, नैनोफाइब्रिकेशन और नैनोइलेक्ट्रॉनिक, आदि के क्षेत्र में अत्यधिक कुशल कामगारों का क्षमता निर्माण शामिल हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को आईआईटी, गुवाहाटी में इस अत्याधुनिक नैनो प्रौद्योगिकी केंद्र (सीएनटी) और भारतीय ज्ञान प्रणाली केंद्र (सीआईकेएस) शुरू किए। उन्होंने संस्थान में एनईपी 2020 के कार्यान्वयन पर एक पुस्तक का भी विमोचन किया।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि आपस में जुड़ी दुनिया के इस युग में, आईआईटी गुवाहाटी के नैनो प्रौद्योगिकी केंद्र में स्वास्थ्य देखभाल, नैनो-जैव-सामग्री, सूक्ष्म नैनो इलेक्ट्रॉनिक्सऔर ऊर्जा के क्षेत्रों में बहु-विषयक अनुसंधान एवं शिक्षा में प्रगति के लिए कई सीओई, इनक्यूबेटर तथा अत्याधुनिक अनुसंधान प्रयोगशालाओं की सुविधा होगी।
भारतीय ज्ञान प्रणाली केंद्र पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2020 में दीक्षांत समारोह में अपने भाषण में आईआईटी गुवाहाटी को भारतीय ज्ञान प्रणाली के लिए एक केंद्र स्थापित करने का सुझाव दिया था। शिक्षा मंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि प्राचीन और पारंपरिक भारतीय ज्ञान के संरक्षण, दस्तावेजीकरण और साझा करने के उद्देश्य से इसे काफी कम समय में स्थापित किया गया है।
प्रधान ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय रैंकिंग प्रणालियों में उत्कृष्ट रैंकिंग प्राप्त करने के लिए आईआईटी गुवाहाटी को बधाई दी। अनुसंधान तथा शिक्षा के लिए एक वातावरण बनाने के साथ-साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए आईआईटी, गुवाहाटी के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने यह भी कहा कि आईआईटी,गुवाहाटी को आपदा प्रबंधन, जैव विविधता आधारित अनुसंधान, हरित ऊर्जा विकास, ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत करने एवं छात्रों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।
उन्होंने संस्थान से जुड़े छात्रों और शिक्षकों से समाधान-केंद्रित नवाचार का एक जीवंत प्रणाली तैयार करने के लिए प्रौद्योगिकी तथा ज्ञान के बीच तालमेल बिठाने का भी आह्वान किया।
प्रधान ने कहा कि श्रीमंत शंकरदेव एक महान विद्वान थे, जिन्होंने सभ्यता और मानवता को एक नई सोच और आकार दिया। उन्होंने कहा कि गौरवशाली अहोम संस्कृति, शक्तिशाली ब्रह्मपुत्र, मां कामाख्या की धन्य भूमि और लचित बोरफुकन जैसे महान लोगों को आईआईटी गुवाहाटी के छात्रों के लिए प्रेरणा का काम करना चाहिए।
प्रधान ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कोविड-19 के दौरान, नवाचार और प्रौद्योगिकी ने हमें पीपीटी किट प्रदान की, हमें वैक्सीन के विकास और उत्पादन में मदद की और इस देश की मजबूती का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने कहा कि आईआईटी गुवाहाटी जैसे संस्थानों को सामाजिक भलाई के लिए नवाचार का लाभ उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।
उन्होंने कहा कि सीओपी-26 के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पंचामृत के ²ष्टिकोण को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हमारे उत्तर-पूर्वी राज्य आईआईटी गुवाहाटी के साथ हरित ऊर्जा विकास का केंद्र बन सकते हैं।
असम के शिक्षा मंत्री डॉ. रनोज पेगु ने आईआईटी गुवाहाटी को बधाई देते हुए कहा कि संस्थान को उद्यमिता पर ध्यान देना चाहिए और नौकरी चाहने वालों को ही नहीं, बल्कि नौकरी देने वालों को भी पैदा करना चाहिए। आईआईटी गुवाहाटी जैसे संस्थानों को किसानों की आय दोगुनी करने में मदद करने के लिए नई कृषि प्रौद्योगिकियों के विकास पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने आईआईटी गुवाहाटी से क्षेत्र के अन्य शैक्षणिक संस्थानों को सलाह देने और शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए मॉड्यूल विकसित करने का अनुरोध किया।
सांसद श्रीमती क्वीन ओझा ने पूर्वोत्तर में इस तरह की उन्नत अनुसंधान सुविधाएं मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की और आईआईटी गुवाहाटी से पूर्वोत्तर के समग्र विकास में योगदान की अपेक्षा की।
नया छात्रावास बनने से आईआईटी, गुवाहाटी की मौजूदा छात्रावास सुविधा में 1000 नए कमरे जुड़ जाएंगे। दिखोव छात्रावास विशेष रूप से परियोजना कर्मचारियों के आवास के लिए परिसर का पहला छात्रावास है। इसके निर्माण पर कुल 132 करोड़रुपये की लागत आई है, जिससे आईआईटी गुवाहाटी की छात्रावास सुविधा को बढ़ाने में और मदद मिलेगी।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती पर गलती से भी न करें ये काम, बजरंगबली हो जाएंगे नाराज
-
Vastu Tips For Office Desk: ऑफिस डेस्क पर शीशा रखना शुभ या अशुभ, जानें यहां
-
Aaj Ka Panchang 20 April 2024: क्या है 20 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह