आईआईटी दिल्ली में क्वांटम अध्ययन के लिए सेंटर आफ एक्सिलेंस (सीओई) स्थापित किया गया है। आईआईटी दिल्ली के मुताबिक संस्थान का यह केंद्र कुछ विशेष क्षेत्रों जैसे क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम संचार, क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी पर ध्यान केंद्रित करेगा।
सीओई में क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम संचार, क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी और क्वांटम सामग्री एवं उपकरण शामिल हैं।
आईआईटी दिल्ली ने क्षेत्र में सभी शोधों को एक साथ लाने के उद्देश्य से क्वांटम टेक्नोलॉजीज पर उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया है। आईआईटी दिल्ली के मुताबिक संस्थान के क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम संचार, क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी और क्वांटम सामग्री और उपकरणों पर तो ध्यान केंद्रित करेगा ही, साथ ही यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की परियोजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर राजेंद्र सिंह ने कहा, इस केंद्र के माध्यम से किए जाने वाले नए क्वांटम सामग्रियों के डिजाइन और विकास के साथ, क्वांटम प्रोसेसर और क्रायोजेनिक नियंत्रक से संबंधित अनुसंधान गतिविधियां, सेमीकंडक्टिंग क्वैबिट्स का मॉडलिंग और प्रौद्योगिकी विकास संभव होगा। इसके माध्यम से क्वांटम प्रोसेसर और क्रायोजेनिक कंट्रोलर से संबंधित अनुसंधान गतिविधियां, सेमीकंडक्टिंग क्यूबिट्स का मॉडलिंग और प्रौद्योगिकी विकास, सीएमओएस और 2 डी सामग्री, क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी, क्वांटम बायो-फोटोनिक्स, सिंगल फोटॉन का विकास किया जाएगा।
इसके अलावा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में उपयोग किए जाने वाले स*++++++++++++++++++++++++++++र्*टों के विद्युत प्रदर्शन को मापने और इस क्षेत्र में अनुसंधान के लिए एक उन्नत विद्युत प्रयोगशाला की स्थापना की है।
आईआईटी दिल्ली ने कहा है कि 17 करोड़ के निवेश के साथ स्थापित, यह प्रयोगशाला उपकरणों और स*++++++++++++++++++++++++++++र्*टों के विद्युत प्रदर्शन को मापने में सक्षम है। यह स*++++++++++++++++++++++++++++र्*ट जिन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में उपयोग किए जाते हैं उनमें मोबाइल फोन, अंतरिक्ष उपग्रह और क्वांटम कंप्यूटर शामिल हैं।
यह सुविधा आईआईटी दिल्ली के विभिन्न शोधकतार्ओं के साथ-साथ अन्य संस्थानों के शोधकतार्ओं के लिए भी उपलब्ध होगी। आईआईटी दिल्ली यह ने सुविधा को सह-ब्रांड करने के लिए कीसाइट टेक्नोलॉजी इंडिया प्राईवेट लिमिटेड के साथ एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं।
आईआईटी दिल्ली के निदेशक वी. रामगोपाल राव ने कहा, आईआईटी ने पिछले कुछ वर्षों में नैनो निर्माण, सामग्री लक्षण वर्णन, परीक्षण और प्रोटोटाइप निर्माण के क्षेत्रों में अपने अनुसंधान बुनियादी ढांचे में काफी वृद्धि की है। कीसाइट टेक्नोलॉजीज के आंशिक समर्थन से स्थापित यह विद्युत लक्षण प्रयोगशाला इस क्षेत्र में मौजूदा सुविधाओं के अतिरिक्त है।
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Source : IANS