आईआईटी दिल्ली: अफगान छात्रों को वापस लाने की कोशिश, जेएनयू भी करेगा छात्रों की मदद
आईआईटी दिल्ली: अफगान छात्रों को वापस लाने की कोशिश, जेएनयू भी करेगा छात्रों की मदद
नई दिल्ली:
तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल समेत अफगानिस्तान के अधिकांश हिस्सों पर अपना कब्जा कर लिया है। इसके बाद वहां स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। संकट की इस घड़ी में अब आईआईटी दिल्ली और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय जैसे संस्थान अफगानिस्तान के अपने छात्रों की मदद के लिए आगे आए हैं।आईआईटी ने अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर कहा कि वह अफगान छात्रों को कैंपस में वापस लाने की कोशिश करेगा। आईआईटी दिल्ली के मुताबिक संकट की इस घड़ी में आईआईटी दिल्ली अपने छात्रों और अफगानिस्तान के अपने पूर्व छात्रों के साथ खड़ा रहेगा। संस्थान ने अफगान छात्रों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी शुरू किया है। आईआईटी दिल्ली के मुताबिक मुसीबत में फंसे छात्रों के लिए 91-11-26591713, 91-9811091942 यह दो हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।
वहीं जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से जुड़े अफगानिस्तान के दो दर्जन से अधिक छात्रों ने भारत सरकार से उनकी वीजा अवधि बढ़ाने की अपील की है। इन छात्रों का वीजा अगले 2 महीने में खत्म हो रहा। अफगानिस्तान के मौजूदा हालात को देखते हुए फिलहाल यह छात्र अपने देश नहीं लौटना चाहते। यही कारण है कि इन छात्रों ने वीजा की अवधि बढ़ाने की अपील की है।
जेएनयू का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन को कुछ अफगान छात्रों के विश्वविद्यालय परिसर में वापसी कराने के अनुरोध मिले हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि इस विषय में छात्रों के हितों को देखते हुए जल्द ही सकारात्मक निर्णय लिए जाएंगे।
वहीं जेएनयू छात्र संघ भी अफगानी छात्रों की मदद के लिए आगे आया है। छात्र संघ ने इस बाबत विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखते हुए अपील की है कि अफगानी छात्रों को वीजा संबंधी अनुमति एवं छात्रावास की सुविधाएं तुरंत मुहैया कराई जाएं।
इस विषय में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर रविकेश का कहना है कि जेएनयू के कुछ अफगान छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में उनकी वापसी कराने का अनुरोध किया है। हालांकि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के दिशा निदेशरें अनुसार अनुसार विश्वविद्यालय अभी सामान्य गतिविधियों के लिए बंद है।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाएं वापस लौट चुकी हैं। इसके बाद वहां तालिबान का कब्जा हो गया है। इस घटनाक्रम के उपरांत लगातार विभिन्न देशों के राजनयिक अफगानिस्तान से वापस लौट रहे हैं। उनके अलावा बड़ी संख्या में महिलाएं एवं व्यवसायी भी अफगानिस्तान छोड़कर स्वदेश लौट रहे हैं।
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