औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के अगस्त के आंकड़े के अनुसार औद्योगिक विकास की दर इसी महीने में पिछले साल की तुलना में 4.3 फीसदी अधिक है। जोपिछले 9 महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर है। इसके पीछे माइनिंग और पावर सेक्टर को माना जा रहा है।
पिछला उच्च स्तर नवंबर 2016 में रहा था जब आईआईपी ग्रोथ 5.7 प्रतिशत दर्ज किया गया था। वहीं अगस्त महीने में मैन्युफैक्चिरिंग सेक्टर का आउटपुट ग्रोथ पिछले साल की तुलना में गटा है। जो 5.5 फीसदी से घटकर 3.1 फीसदी पर रह गया है।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का आईआईपी में 77.63 फीसदी का योगदान रहता है। अगस्त महीने में खनन और विद्युत क्षेत्र के आउटपुट में पिछले साल की अपेक्षा क्रमशः 9.4 फीसदी और 8.3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में जुलाई में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में विनिर्माण उत्पादन में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है।
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इस साल अप्रैल से अगस्त के बीच आईआईपी ग्रोथ का औसत 2.2 फीसदी रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 5.9 फीसदी थी। इस बीच जुलाई महीने में आईआईपी ग्रोथ के डेटा को संशोधित किया गया है। पहले 1.2 फीसदी की वृद्धि का आकलन किया गया था जिसे संशोधित करके 0.94 किया गया।
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Source : News Nation Bureau