भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) ने अपने शिक्षकों के लिए केंद्रीय सिविल सेवा संहिता (सीसीएस) के नियम को लागू करने का फैसला लिया है। नियम के लागू होने के बाद सरकारी नीतियों पर टिप्पणी किए जाने के मामले में कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
शुक्रवार को एक्जिक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग में यह फैसला लिया गया। आईआईएमसी के डायरेक्टर जनरल के जी सुरेश ने जानकारी देते हुए बताया कि सर्वसम्मति और तत्काल प्रभाव से सीसीएस को लागू करने का फैसला लिया गया है।
हालांकि कई शिक्षक इस नियम का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह अकादमिक स्वतंत्रता का हनन है।
वहीं डायरेक्टर जनरल ने कहा, 'एक्जिक्यूटिव काउंसिल की बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया है। मुझे भरोसा है कि इस नियम के लागू होने से कॉलेज परिसर में संदेह की स्थिति खत्म होगी। साथ ही विश्वविद्यालय प्रबंधन के पास निर्णय लेने की आज़ादी होगी।'
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उन्होंने कहा, 'इस नियम को लागू करने का उद्देश्य है कि सिस्टम में पारदर्शिता लाई जाए। यह नियम दिल्ली विश्वविद्यालय में भी लागू किया गया है।' हालांकि दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन अध्यक्ष नंदिता नारायण का कहना है कि सीसीएस नियम वहां के शिक्षकों पर लागू नहीं होता।
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Source : News Nation Bureau