केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल को असंवैधानिक बताने वाले विपक्ष के नेताओं की बातों का बारी-बारी से जवाब दे रहे हैं. अमित शाह ने कहा कि कुछ सदस्यों ने नागरिता संशोधन बिल को असंवैधानिक बताया. मैं सभी का जवाब दूंगा. शाह ने कहा कि अगर इस देश का बंटवारा नहीं होता तो ये बिल नहीं लाना पड़ता. बंटवारे के बाद पैदा हुए हालात के कारण ये बिल लाना पड़ा है. देश की समस्यायों का समाधान लाने के लिए मोदी सरकार आई है. विभाजन धर्म के आधार पर हुआ, यही सबसे बड़ी भूल थी. शाह ने आगे कहा कि करोड़ों लोगों की पीड़ा पर मत हंसिए. अगर देश का बंटवारा नहीं होता तो ये बिल कभी नहीं आता. इस देश में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति और चीफ जस्टिस जैसे बड़े पदों पर भी मुसलमान आसीन रहे हैं. पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार हुआ. कांग्रेस पर तंज कसते हुए शाह ने कहा कि, जिसने जख्म दिया वही आज जख्म के बारे में पूछ रहा है. हम चुनावी राजनीति अपने दम पर लड़ते हैं. अपने नेता के लोकप्रियता के दम पर लड़ते हैं.
केंद्रीय गृहमंत्री इतने पर ही चुप नहीं हुए उन्होंने आगे कहा कि, हम इस बिल के तहत 6 धर्मों के लोगों को ला रहे हैं इसके लिए कोई तारीफ नहीं कर रहा है, लेकिन मुस्लिम को नहीं ला रहे हैं तो इसके लिए विपक्ष हमारी आलोचना कर रहा है. मुस्लिम को क्यों नहीं ला रहे हैं इसके लिए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश ने वादा नहीं निभाया. हमारे तीनों पड़ोसी देश इस्लामिक मुल्क हैं. तीनों देश में मुस्लिम अल्पसंख्यक नहीं है. शाह ने कांग्रेस नेता आनंद शर्मा को जवाब देते हुए कहा कि पूर्वोत्तर के लोगों की चिंता का है मुसलमानों के देश में आने से ही धर्मनिरपेक्षता साबित होगी क्या? सत्ता में या विपक्ष में हमारा विजन समान रहता है.
इस बिल में उनके लिए व्यवस्था की गई है जो पड़ोसी देशों में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित किए जा रहे हैं, जिनके लिए वहां अपनी जान बचाना, अपनी माताओं-बहनों की इज्जत बचाना मुश्किल है. ऐसे लोगों को यहां की नागरिकता देकर हम उनकी समस्या को दूर करने के प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे लिए प्रताड़ित लोग प्राथमिकता हैं जबकि विपक्ष के लिए प्रताड़ित लोग प्राथमिकता नहीं हैं. शाह ने कहा कि विपक्ष की धर्मनिरपेक्षता मुसलमान के आने तक सीमित. काग्रेस के सत्ता और विपक्ष में रहने पर सिद्धांतों में परिवर्तन हो जाता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश के मुसलमानों को डराए ना. गांधी जी नी 25 सितंबर 1947 को कहा था हिंदू सिख अगर पाकिस्तान से आना चाहे तो आ सकते हैं.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो