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पी चिदंबरम (फाइल फोटो)
दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करके पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम की मुसीबत पहले ही बढ़ गई थी. सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई न हो पाने से पी चिदंबरम की मुश्किलें और बढ़ती चली गईं. कांग्रेस और पी चिदंबरम को उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राहत मिल जाएगी, लेकिन सुनवाई न होने से कोई चारा नहीं बचा. हारकर पी चिदंबरम बुधवार देर शाम अचानक सामने आ गए और कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर खुद को बेगुनाह बताया. जानकार बता रहे हैं कि कांग्रेस आलाकमान ने ही पी चिदंबरम को आगे आने की सलाह दी थी. बताया जा रहा है कि कांग्रेस ऐसा नहीं करती तो गुरुवार को बड़ी मुसीबत झेलनी पड़ सकती थी.
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कांग्रेस पार्टी पहले तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही थी. जब सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलती नहीं दिखी, तब पार्टी की तरफ से फैसला किया गया कि चिदंबरम को अपनी गिरफ्तारी दे देनी चाहिए. पार्टी मुख्यालय में पी चिदंबरम को सफाई देने का मौका दिया गया. इस दौरान पार्टी ने एकजुटता का संदेश देते हुए कई बड़े नेताओं को प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद रहने को कहा.
माना जा रहा है कि कांग्रेस ने यह सब सोची-समझी रणनीति के तहत किया. दरअसल, कांग्रेस पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की याद में आज 22 अगस्त को दिल्ली में बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई न होने के बाद पार्टी को डर था कि उसका बड़ा कार्यक्रम धुल न जाए, क्योंकि सीबीआई और ईडी की टीमें पी चिदंबरम की गिरफ्तारी को लेकर लगातार हाथ-पांव मार रही थीं.
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राजीव गांधी की याद में आयोजित हो रहे कांग्रेस के इस कार्यक्रम में गांधी परिवार के अलावा सभी बड़े नेताओं की मौजूदगी सुनिश्चित थी. कांग्रेस इस कार्यक्रम के माध्यम से पूरे देश में पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुटता का संदेश देना चाह रही है. लोकसभा चुनाव के बाद कार्यकर्ताओं को संदेश देने के लिए कांग्रेस के पास यह बड़ा मौका था, लेकिन पार्टी के रंग में भंग पड़ गया. फिर भी पार्टी की कोशिश है कि राजीव गांधी की याद में आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम में संदेश दिया जाए कि सरकार जान-बूझकर विरोधी नेताओं को फंसाकर जेल भेज रही है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो