Advertisment

राष्ट्रपति चुनाव: NDA के उम्मीदवार पर सरकार ने नहीं बनाई सहमति तो विपक्ष उतारेगा अपना उम्मीदवार

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व में हुई विपक्ष की रणनीतिक बैठक समाप्त हो गई है। विपक्ष ने अगले राष्ट्रपति चुनाव में अपना अलग उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया है। हालांकि बैठक में विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति के उम्मीदवार को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई।

author-image
Abhishek Parashar
एडिट
New Update
राष्ट्रपति चुनाव: NDA के उम्मीदवार पर सरकार ने नहीं बनाई सहमति तो विपक्ष उतारेगा अपना उम्मीदवार

सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दलों की बैठक (फोटो-PTI)

Advertisment

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व में हुई विपक्ष की रणनीतिक बैठक समाप्त हो गई है। विपक्ष ने अगले राष्ट्रपति चुनाव में अपना अलग उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया है। हालांकि बैठक में राष्ट्रपति के उम्मीदवार को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई।

बैठक के बाद सभी दलों ने मोदी सरकार के खिलाफ एकजुटता के दावे करते हुए कश्मीर में सरकार की विफलता और सहारनपुर हिंसा को लेकर एक सुर में बयान दिया लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल की गैर मौजूदगी को लेकर उठे सवाल पर विपक्ष बचता नजर आया।

बिहार में नीतीश कुमार महागठबंधन की सरकार के मुखिया है, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस शामिल है।

बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर सत्ताधारी दल की तरफ से आम राय बनाने की परंपरा रही है लेकिन अभी तक बीजेपी के नेतृत्व वाली एऩडीए की तरफ से इस दिशा में ऐसी कोई कोशिश नहीं की गई है।

आजाद ने कहा, 'अगर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर कोई सहमति नहीं बनती है तो हम (विपक्षी दल) अपने उम्मीदवार के बारे में फैसला करेंगे।'

कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी के नेतृत्व में बुलाई गई बैठक में राष्ट्रीय जनता दल की तरफ से लालू प्रसाद यादव, जनता दल यूनाइटेड की तरफ से शरद यादव, तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी, बहुजन समाज पार्टी की मायावती, समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव और नैशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला समेत कई अन्य क्षेत्रीय दलों के नेताओं ने भाग लिया।

और पढ़ें: राष्ट्रपति चुनाव पर विपक्ष की बैठक, उम्मीदवार पर सहमति बनाने के लिये हो सकता है समिति का गठन, नहीं पहुंचे बिहार सीएम नीतीश

बैठक के बाद बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ किया कि अभी विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि पूरा विपक्ष कश्मीर हिंसा, सहारनपुर और नोटबंदी को लेकर एकजुट है।

बैठक में जेडीयू की तरफ से शामिल शरद यादव ने कहा, ' आम तौर पर देश मे ये परंपरा रही है कि सत्ताधारी पार्टी सब की सहमति से उम्मीदवार तय करे, लेकिन इस सरकार ने ऐसा नही किया। इसलिए हमने तय किया है कि देश मे जिस तरह के हालात हैं, उसमें हमने एक राजनीतिक लड़ाई लड़ने के लिए अपना उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है।'

सोनिया गांधी की इस बैठक में हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हिस्सा नहीं लिया। नीतीश की गैर मौजूदगी को लेकर बिहार में महागठबंधन की सियासी तकदीर को लेकर फिर से अटकलें चलने लगी हैं।

यादव ने कहा कि पूरा देश बेचैन है। सहारनपुर और कश्मीर के हालात सको परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए यादव ने कहा कि गरीब, दलित,अल्पसंख्यक, छात्र ,नौजवान सभी सरकार से परेशान हैं।

बैठक में शामिल बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्र सरकार पर दलितों को सुरक्षा नहीं देने का आरोप लगाया। बैठक के बाद मायावती ने कहा, 'राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार के नाम पर चर्चा हुई। सरकार के 3 साल के कार्यकाल में विशेष रूप से दलितों, किसानों और अल्पसंख्यकों की हालत खराब हुई है।'

विपक्ष की तरफ से बुलाई गई बैठक में पहली बार मायावती के साथ अखिलेश यादव भी शामिल हुए। अखिलेश इससे पहले भी कई मौके पर मायावती के साथ आने का संकेत दे चुके हैं। साथ ही अखिलेश एनडीए सरकार के खिलाफ बनने वाले गठबंधन में कांग्रेस की बड़ी भूमिका के समर्थक रहे हैं।

और पढ़ें: राष्ट्रपति चुनाव: विपक्ष 26 मई को तय करेगा अपना उम्मीदवार, NDA के खिलाफ बनेगा महागठबंधन भी

अखिलेश ने कहा, 'उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था बेहद खराब है। हमारे समय में मीडिया ने आग लगाई लेकिन अब वह आग नहीं लगा रहे हैं।' 

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में दलितों पर हुई हिंसा के बाद मायावती ने शब्बीरपुर गांव जाकर दलितों से मुलाकात की थी। मायावती की रैली के बाद लौट रहे दलितों को निशाना बनाकर हमला किया गया था, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।

वहीं राष्ट्रपति चुनाव के पहले विपक्षी एकजुटता की कोशिश में मुखर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने बैठक के बाद मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने को लेकर जमकर निशाना साधा।

लालू ने कहा, 'तीन साल के बाद हर फ्रंट पर मोदी सरकार फेल रही है।' कश्मीर की मौजूदा स्थिति के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए लालू ने कहा, 'आजादी के बाद मोदी शासन में पाकिस्तान का झंडा कश्मीर में लहरा रहा है। भारतीय सेना को मार कर पाकिस्तान चला जा रहा है और यही मोदी सरकार की एकमात्र उपलब्धि है।'

और पढ़ें: राष्ट्रपति चुनाव: सोनिया गांधी के बाद अरविंद केजरीवाल से मिलीं ममता बनर्जी

HIGHLIGHTS

  • दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में हुई विपक्षी दलों की बैठक
  • विपक्ष ने कहा अगर सरकार ने नहीं बनाई सहमति तो उतारेगा अपना उम्मीदवार
  • सोनिया गांधी की बैठक में शामिल नहीं हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

Source : News Nation Bureau

presidential election opposition parties meeting Sonia Gandhi
Advertisment
Advertisment
Advertisment