देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर चल रही है. इस लहर में रोज बड़ी संख्या में नए कोरोना केस (Corona Cases) सामने आ रहे हैं. कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए देशभर में कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण (Corona Vaccine) और जांच (Corona Test) को लेकर अभियान जारी है. इस बीच कोरोना जांच को लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने मंगलवार को नई एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी के अनुसार, लैब का दबाव कम करने के लिए आरटी-पीसीआर जांच को कम-से-कम करने और रैपिड एंटीजन जांच को बढ़ाने की बात कही गई है.
ICMR ने एडवाइजरी में कहा कि देश में कोरोना संक्रमण की जांच करने वाली प्रयोगशालाएं काफी दबाव में काम कर रही हैं. ऐसे में बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए जांच के लक्ष्य को पूरा करने में कठिनाई हो रही है, क्योंकि प्रयोगशालाओं का कुछ स्टाफ संक्रमित भी है.
ICMR के ये हैं प्रमुख सुझाव
- जिन लोगों को एक बार आरटीपीसीआर या रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) की जांच में संक्रमण पाया गया था, उनका दूसरी बार आरटीपीसीआर जांच नहीं होना चाहिए.
- अस्पतालों में कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद डिस्चार्ज के समय मरीजों का टेस्ट करने की आवश्यकता नहीं है.
- लैबों में दबाव कम करने के लिए अंतरराज्यीय यात्रा करने वाले स्वस्थ लोगों के आरटीपीसीआर टेस्ट की पूरी तरह से अनिवार्यता को हटाया जाए.
- फ्लू या कोरोना वायरस के लक्षण वाले लोगों को गैर जरूरी यात्रा और अंतरराज्यीय यात्रा करने से किसी भी हाल में बचना चाहिए. इससे संक्रमण कम फैलेगा.
- यात्रा के दौरान कोरोना के सभी गैर लक्षणी लोगों को कोविड गाइडलाइंस का पालन करना होगा.
- राज्यों को आरटीपीसीआर टेस्ट को मोबाइल सिस्टम के जरिये बढ़ावा देने को प्रोत्साहित किया जा रहा है.
आरसीएमआर ने रैपिड एंटीजन टेस्ट को बताया फायदेमंद
ICMR ने नई एडवाइजरी में कहा कि कोरोना टेस्ट के लिए जून 2020 में रैपिड एंटीजन टेस्ट को अपनाया गया था. वर्तमान में यह टेस्ट कंटेनमेंट जोन और कुछ हेल्थ सेंटर पर ही सीमित है. इस टेस्ट का फायदा यह है कि इससे 15 से 20 मिनट में ही कोरोना वायरस का पता चल जाता है. ऐसे में मरीज को शीघ्र स्वस्थ होने में भी काफी मदद मिलती है.
रैपिड टेस्ट से संबंधित ये हैं सुझाव
- सभी सरकारी और निजी हेल्थकेयर फैसिलिटी में रैपिड एंटीजन टेस्ट को अनिवार्य करना चाहिए.
- शहरों, कस्बों, गांवों में लोगों की बड़े स्तर पर जांच के लिए RAT बूथ लगना चाहिए.
- शहरों, गांवों में यह RAT बूथ कई स्थानों पर लगना चाहिए. इनमें स्कूल-कॉलेज, कम्युनिटी सेंटर, खाली स्थानों शामिल होने चाहिए.
- 24 घंटे और सातों दिन ये बूथ काम करें.
- स्थानीय प्रशासन अपने स्तर पर ड्राइव थ्रू बूथ शुरू कर सकता है.
Source : News Nation Bureau