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कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तान की मांग को ICJ ने नकारा, पीएम मोदी और डोभाल को भी लिया नाम

पूर्व नौसेना अधिकार कुलभूषण जाधव के मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में चल रही सुनवाई में भारत के बाद आज पाकिस्तान सरकार ने अपने तरफ से दलीलें रखें.

Updated on: 19 Feb 2019, 06:38 PM

हेग:

पूर्व नौसेना अधिकार कुलभूषण जाधव के मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में चल रही सुनवाई में भारत के बाद आज पाकिस्तान सरकार ने अपने तरफ से दलीलें रखी. बता दें कि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को कथित तौर पर भारत का जासूस मानता है और उस पर कई आतंकी हमलों में शामिल होने के आरोप में उसे फांसी की सजा सुनाई थी. पाकिस्तान सरकार के इसी फैसले के खिलाफ भारत ने आईसीजे का रुख किया था.

आज पाकिस्तान के खावर कुरैशी ने इस मामले को लेकर आईसीजे से सुनवाई टालने की मांग की थी. आईसीजे ने इस मांग को ठुकराते हुए पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर खान को अपना बयान पढ़ने का आदेश दिया. पाकिस्तान ने एडहॉक जज की नियुक्ति होने के बाद सुनवाई के लिए आग्रह किया था.

गौरतलब है कि पुलवामा में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के कायराना हमले के बाद दोनों देशों में उपजे भारी तनाव के बीच कुलभूषण जाधव पर आईसीजे में सुनवाई चल रही है. हरीश साल्वे ने सोमवार को भारत का पक्ष रखते हुए कहा था कि पाकिस्तान ने जाधव के मामले में अंतरराष्ट्रीय संधि को तोड़ा है और उसने जो सबूत दिए हैं वो कहीं से भी भरोसे के लायक नहीं है.

आज जब सुनवाई शुरू हुई तो पाकिस्तान के वकील खावर कुरैशी अपनी दलील रख रहे थे. इसी दौरान जजों के बेंच के अध्यक्ष जज यूसुफ ने उन्हें दो बार डपटते हुए कहा कि आप थोड़ा धीरे बोलिए हमें आपको सुनने और समझने में दिक्कत हो रही है.

अपने दलील के दौरान पाकिस्तानी वकील खाबर कुरैशी ने बेहद लंबा समय सिर्फ यह बताने में लगा दिया जो सामान जाधव से मिले थे वो किस तरह सही है. पाकिस्तान ने इसके लिए ब्रिटिश एक्सपर्ट डेविड वेस्टगेट की रिपोर्ट का सहारा लिया.

खाबर कुरैशी ने अपनी दलील रखते वक्त भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल का भी नाम लिया और कहा मैं खुद एक युवा पाकिस्तान सेना के अधिकारी के तौर पर भारत का युद्धबंदी रहा हूं और वहां अत्याचार देखे हैं. इसके बाद कुरैशी ने एक प्रजेंटेशन दिया और पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त जेपी सिंह की एक चिट्ठी को वहां सार्वजनिक तौर पर दिखाया.

10 प्वाइंट्स में जानें भारत ने अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में जाधव और भारत के समर्थन में कही यह बातें- 

1) यह वियना कन्वेंशन (Vienna Convention) का गंभीर उल्लंघन है, काउंसुलर एक्सेस के बिना जाधव की निरंतर हिरासत को गैरकानूनी घोषित किया जाए: हरीश साल्वे

2) इसमें कोई शक नहीं है कि पाकिस्तान प्रोपगेंडा के तहत इसका इस्तेमाल कर रहा था. पाकिस्तान बिना देर किए काउंसुलर एक्सेस देना चाहिए था.
हरीश साल्वे

3) भारत ने 30 मार्च 2016 को जाधव के लिए काउंसुलर एक्सेस के लिए पाकिस्तान से कई बार अनुरोध किया लेकिन इसका कोई जवाब नहीं मिला. भारत ने पाकिस्तान को अलग-अलग तारीखों पर 13 रिमाइंडर भेजे थे: हरीश साल्वे

4) जाधव की कथित स्वीकारोक्ति साफ तौर पर सहमी (डर में दिया गया बयान) हुई प्रतीत होती है. भारत पाकिस्तान को याद दिलाना चाहता है कि यही पाकिस्तान सरकार है जिसने आपराधिक मामलों में कानूनी सहायता पर सार्क सम्मेलन की बातों को मानने से इनकार कर दिया था: हरीश साल्वे

5) पाकिस्तान ने जाधव के परिवार को अपनी शर्तों पर उससे मिलने का मौका दिया. यह मुलाकात 25 दिसंबर 2017 को हुई थी. लेकिन जिस तरीके से उन्हें मिलाया गया और जो व्यवहार किया गया उस पर भारत ने 25 दिसंबर को ही चिट्ठी लिखकर निराशा जताई थी: हरीश साल्वे

6) पाक को इस बात के लिए स्पष्टीकरण देना चाहिए कि जाधव को काउंसुलर एक्सेस देने के लिए 3 महीने की जरूरत क्यों पड़ी, अगर सार्क कन्वेंशन और ट्रीटी के पैरा-4 को देखें तो ये साफ़ है कि पाकिस्तान की तरफ से प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं किया गया. : हरीश साल्वे

7) अगर आर्टिकल 36 सभी मामलों में काउंसुलर एक्सेस का अधिकार देता है, जिसमें इस तरह के आरोप भी शामिल हैं, तो उन अधिकारों का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता है: हरीश साल्वे

8) पाकिस्तान के आचरण से ऐसा विश्वास प्रतीत नहीं होता कि जाधव को वहां न्याय मिल सकता है. एक भारतीय पाकिस्तान की हिरासत में है जिसे सार्वजनिक तौर पर बलूचिस्तान में अशांति फ़ैलाने भारतीय एजेंट और आतंकी के रूप में दिखाया गया है. भारत के खिलाफ एक कहानी बनाने के लिए  पाक ने जाधव का इस्तेमाल किया: हरीश साल्वे

9) भारत ने हमेशा पाकिस्तान नागरिकों को कॉउंसलर एक्सेस दी, जबकि उसके नागरिक रंगे हाथ आतंकवाद के मामलों में पकड़े गए. ये बात अलग है, पाक ने ऐसा कभी नहीं किया.पाकिस्तान की मिलट्री कोर्ट की कार्यवाही अंतररष्ट्रीय मापदंडों की सरेआम अनदेखी है: हरीश साल्वे

10) पाक ने बाकायदा आम नागरिकों पर केस चलाने के लिए आर्मी एक्ट में बदलाव किया .यही मिलट्री कोर्ट अब तक बेहद अपारदर्शी तरीके से 161 नागरिकों को फांसी की सज़ा सुना चुकी है: हरीश साल्वे

इस मामले में जाने-माने वकीलहरीश साल्वे भारत का प्रतिनिधित्व रख रहे हैं. वरिष्ठ अधिवक्ता खावर कुरैशी 19 फरवरी को पाकिस्तान का पक्ष रखेंगे. इसके बाद भारत 20 फरवरी को इस पर अपना जवाब देगा. पाकिस्तान 21 फरवरी को अपनी आखिरी दलीलें पेश करेगा