निकाहनामे जैसा है संविधान का अनुच्छेद 35-ए: आईएएस अफसर

सोशल मीडिया पर अपनी एक टिप्पणी के कारण पूर्व में अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना कर चुके आईएएस अफसर शाह फैसल ने रविवार को संविधान के अनुच्छेद 35-ए की तुलना निकाहनामे (विवाह दस्तावेज) से की।

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desh deepak
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निकाहनामे जैसा है संविधान का अनुच्छेद 35-ए: आईएएस अफसर

अनुच्छेद 35-ए (फाइल फोटो)

सोशल मीडिया पर अपनी एक टिप्पणी के कारण पूर्व में अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना कर चुके आईएएस अफसर शाह फैसल ने रविवार को संविधान के अनुच्छेद 35-ए की तुलना निकाहनामे (विवाह दस्तावेज) से की। फैसल ने ट्वीट किया, 'आप इसे रद्द करेंगे और रिश्ता खत्म हो जाएगा। बाद में बात करने के लिए कुछ नहीं बचेगा।'

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पूर्व मंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता नईम अख्तर ने फैसल के ट्वीट को रिट्वीट किया और अपने विचार भी जोड़े।

उन्होंने ट्वीट किया, 'इसे रद्द किया जाना वैवाहिक दुष्कर्म जैसा होगा। एक संवैधानिक संबंध को यह कब्जे में बदल देगा।'

भारतीय संविधान की सर्वोच्चता से इनकार करने वाले जम्मू एवं कश्मीर के अलगाववादी संगठन अनुच्छेद 35-ए को बचाए जाने के लिए एकजुट हैं।

14 मई, 1954 को लागू हुआ यह अनुच्छेद जम्मू एवं कश्मीर की विधायिका को राज्य के स्थायी निवासियों और उनके विशेषाधिकारों को परिभाषित करने का अधिकार देता है।

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Source : IANS

Article 35A Jammu and Kashmir IAS Officer All About Article 370 Jammu and Kashmir government
      
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