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रांची जमीन घोटाला : ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आईएएस छवि रंजन को किया गिरफ्तार

रांची जमीन घोटाला : ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आईएएस छवि रंजन को किया गिरफ्तार

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IANS
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IAS Chhavi

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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ईडी ने रांची के जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड के आईएएस अधिकारी छवि रंजन को लगभग दस घंटे की पूछताछ के बाद गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। छवि रंजन फिलहाल समाज कल्याण विभाग के निदेशक हैं।

छवि रंजन कुछ महीने पहले तक रांची के डिप्टी कमिश्नर के तौर पर पदस्थ थे। ईडी को रंजन के कार्यकाल में सेना की लगभग साढ़े चार एकड़ जमीन के अलावा कई अन्य भू-खंडों की खरीद-बिक्री फर्जी दस्तावेजों के आधार होने की शिकायतें मिली थीं। इस मामले में ईडी सात लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर चुका है। पहले गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ के बाद पूरे घोटाले में छवि रंजन की संलिप्तता सामने आई है।

बताया जा रहा है कि जमीन घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई पूछताछ में छवि रंजन संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। उनसे बीते 24 अप्रैल को भी लगभग आठ घंटे तक ईडी के रांची स्थित जोनल कार्यालय में पूछताछ की गई थी।

बीते 13 अप्रैल को ईडी की टीमों ने आईएएस छवि रंजन सहित 18 लोगों के झारखंड, बिहार, बंगाल स्थित 21 ठिकानों पर छापामारी की थी। ईडी ने छापामारी के दौरान छवि रंजन से पूछताछ भी की थी। इस दौरान जमीन-जायदाद के सैकड़ों डीड, कागजात, हेराफेरी के लिए तैयार किए गए फर्जी दस्तावेज, सील-मुहर, अंचल कार्यालय के सरकारी रजिस्टर आदि बरामद किए गए थे। इसी दौरान सात लोग गिरफ्तार किए गए थे।

गिरफ्तार किए गए लोगों ने ईडी से पूछताछ में बताया है कि जमीन की गलत तरीके से खरीद-बिक्री के लिए रजिस्ट्री और अंचल ऑफिस के दस्तावेजों में हेर-फेर की गई थी। इस बात का भी खुलासा हुआ कि सेना की जिस साढ़े चार एकड़ जमीन की अवैध तरीके से बिक्री की गई है, उसकी रजिस्ट्री डीसी छवि रंजन के आदेश पर की गई थी। ईडी ने छापेमारी के दौरान आईएएस छवि रंजन से उनका मोबाइल लेकर जांच की थी। इसमें पाया गया कि उन्होंने जमीन हेराफेरी से जुड़े मामले में ईडी की संभावित कार्रवाई और पूछे जाने वाले सवालों के जवाब तैयार कर रखे थे।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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