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IAS बीवीआर सुब्रमण्यम होंगे मिनिस्ट्री आफ कामर्स के नए ओएसडी

IAS बीवीआर सुब्रमण्यम को मिनिस्ट्री आफ कामर्स (Ministry of Commerce) में ओएसडी (OSD) बनाया गया है. इससे पहले बीवीआर सुब्रमण्यम जम्मू-कश्मीर के चीफ सेक्रेटरी थे. अब बीवीआर सुब्रमण्यम लौट आये हैं. उन्हे नया पदभार दिया गया है.

Updated on: 27 May 2021, 07:41 PM

दिल्ली :

IAS बीवीआर सुब्रमण्यम को मिनिस्ट्री आफ कामर्स (Ministry of Commerce) में ओएसडी (OSD) बनाया गया है. इससे पहले बीवीआर सुब्रमण्यम जम्मू-कश्मीर के चीफ सेक्रेटरी थे. अब बीवीआर सुब्रमण्यम लौट आये हैं. उन्हे नया पदभार दिया गया है. अगामी 30 जून को IAS बीवीआर सुब्रमण्यम वो सेक्रेटरी कामर्स (Secretary Commerce) की जिम्मेदारी संभालेंगे. केंद्र सरकार ने आज इस बाबत आदेश जारी कर दिया है. 1987 बैच के IAS सुब्रह्मण्यम छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अफसर हैं. जम्मू-कश्मीर के चीफ सेक्रेटरी बनने से पहले वो छत्तीसगढ़ में एसीएस होम थे. मिनिस्ट्री ऑफ कामर्स में ओएसडी बनने वाले IAS सुब्रह्मणयम 30 जून को कामर्स सेक्रेटरी की जिम्मेदारी संभालेंगे.

1987 बैच के IAS सुब्रह्मण्यम छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अफसर हैं. इस नयी जिम्मेदारी के बाद सुब्रह्मण्यम केंद्र में छत्तीसगढ़ से सबसे ऊंची पोस्टिंग पाने वाले अफसर हो गये हैं. अभी तक कई आईएएस सचिव इम्पेनल हुए हैं लेकिन किसी को सचिव बनने का मौका नहीं मिला. मिनिस्ट्री ऑफ कामर्स में ओएसडी बनने वाले IAS सुब्रह्मणयम 30 जून को कामर्स सिकरेट्री की जिम्मेदारी संभालेंगे. बृहस्पतिवार को जारी एक आधिकारिक आदेश के अनुसार  अनूप वधावन की 30 जून को सेवानिवृत्ति के बाद नए वाणिज्य सचिव के तौर पर बीवीआर सुब्रमण्यम कार्यभार संभालेंगे. इससे पहले 24 जून 2018 को उन्हें जम्मू-कश्मीर का चीफ सिकरेट्री बनाया गया था.

बता दें कि बीवीआर सुब्रमण्यम 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. उन्हें नक्सलियों को धर दबोचने से लेकर नक्सली विचारधारा को खत्म करने का अच्छा-खासा अनुभव है. बी वीआर  सुब्रमण्यम लगभग तीन साल तक छत्तीसगढ़ में गृह विभाग की जवाबदारी संभाल चुके हैं.

बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ में एंटी नक्सल ऑपरेशन और नक्सली विचारधारा को ख़त्म करने के लिए वे केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और केंद्र सरकार के सीधे संपर्क में रहते थे. बीवीआर सुब्रमण्यम मनमोहन सिंह के कार्यकाल में पीएमओ में जॉइंट सेक्रेटरी रह चुके हैं. 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने के बाद भी वे साल भर तक पीएमओ में अपने इसी पद पर बने रहे. . हालांकि डेपोटेशन की अवधि पूरी होने के बाद वे वापिस अपने होम कैडर छत्तीसगढ़ में लौट गए थे. उन्हें हिंसक मामलों के सफाई का सरकारी इलाज कैसे किया जाता है, इसका बखूबी अनुभव है.