काबुल से IAF के विमान से निकले भारतीय दूतावास के सभी कर्मचारी
काबुल हवाई अड्डे पर मची अफरा-तफरी के बीच भारतीय वायुसेना का सी-17 विमान भारतीय अधिकारियों को लेकर भारत के लिए उड़ चुका है.
highlights
- भारतीय वायु सेना का सी-17 विमान काबुल से उ़ड़ा
- विमान में हैं भारतीय दूतावास के 120 से अधिक लोग
- अभी भी हजारों भारतीय फंसे हैं अफगानिस्तान में
नई दिल्ली:
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद काबुल हवाई अड्डे पर मची अफरा-तफरी के बीच भारतीय वायुसेना का सी-17 विमान भारतीय अधिकारियों को लेकर भारत के लिए उड़ चुका है. काबुल हवाई अड्डे पर अमेरिकी सेना की सुरक्षा के बीच विमान ने उड़ान भरी है. यह विमान पहले जामनगर और फिर हिंडन एयरबेस पहुंचेगा. विमान के दोपहर करीब 1 बजे तक हिंडन पहुंचने की उम्मीद है. एएनआई समाचार एजेंसी के मुताबिक सभी भारतीय यात्री हवाई अड्डे पर सुरक्षित क्षेत्र में कल देर शाम से थे. गौरतलब है कि काबुल में हवाई अड्डे पर अफरा-तफरी के बीच अमेरिकी सेना ने उसे अपने कब्जे में ले लिया था. भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिकंन के साथ इस मसले पर बातचीत की थी.
विमान ने मंगलवार सुबह भरी भारत के लिए उड़ान
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मंगलवार सुबह ही कहा था कि अफगानिस्तान के हालिया हालातों को देखते हुए काबुल में नियुक्त भारतीय राजदूत और अन्य भारतीय अधिकारियों कर्मचारियों को तुरंत वापस भारत लाया जाए. इसके पहले गृह मंत्रालय ने अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों के लिए आपातकालीन नंबर और ई-मेल आईडी जारी कर दिए थे. सूत्रों के मुताबिक भारतीय दूतावास के 120 से भी अधिक अधिकारी-कर्मचारियों को लेकर ग्लोबमास्टर मंगलवार सुबह भारत के लिए उड़ान भर चुका है.
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एस जयशंकर और ब्लिंकन की बातचीत
इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा की है. उन्होंने तालिबान के कब्जे वाले देश में प्रत्यक्ष हितों वाले विदेश मंत्रियों को फोन किया था. जयशंकर ने कॉल के बाद ट्वीट किया कि अफगानिस्तान में नवीनतम घटनाओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने काबुल में हवाई अड्डे के संचालन को बहाल करने की आवश्यकता पर बल दिया. साथ ही कहा कि भारत फिलवक्त काबुल में अमेरिकी प्रयासों की गहराई से सराहना करता है.
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सिख और हिंदू नेताओं के संपर्क में भारत
इससे भी पहले रविवार देर शाम को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद विदेश मंत्रालय की ओर से बागची ने एक बयान जारी कर कहा था कि अफगानिस्तान में सिख और हिंदू समुदाय की भारत वापसी में मदद करेगा. बागची ने कहा था, ‘हम अफगान सिख और हिंदू समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ लगातार संपर्क में हैं. हम उन लोगों को भारत वापसी की सुविधा देंगे, जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं.’ इससे पहले भी अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास की तरफ से भारतीय नागरिकों के लिए चार एडवाइजरी जारी की जा चुकी थीं.
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