logo-image

अभिनंदन नए लुक में लौटे 'वर्तमान' में, MIG-21 में IAF Chief के साथ भरी उड़ान

पाकिस्तान के एफ-16 को मार गिराने वाले अभिनंदन ने मिग-21 में वायुसेना प्रमुख के साथ भरी उड़ान

Updated on: 02 Sep 2019, 01:24 PM

highlights

  • सोमवार को अभिनंदन ने वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ के साथ मिग-21 में उड़ान भरी.
  • एयर चीफ मार्शल धनोआ खुद भी हैं मिग पायलट. कारगिल युद्ध में लिया था भाग.
  • पठानकोट एयर बेस से दोनों ने मिग-21 लड़ाकू विमान में उड़ान भरी.

नई दिल्ली:

बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारतीय वायु सीमा में घुसपैठ करने वाले पाकिस्तान के उन्नत एफ-16 लड़ाकू विमान को मिग-21 से मार गिराने वाले विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान ने सोमवार को वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ के साथ मिग-21 में उड़ान भरी. कारगिल युद्ध में भाग ले चुके बीएस धनोआ खुद भी मिग-21 के पायलट रहे हैं. दोनों ने पठानकोट एयर बेस से उड़ान भरी. गौरतलब है कि हाल ही में वीर चक्र से सम्मानित अभिनंदन को फिर से लड़ाकू विमान उड़ाने की स्वीकृति मिली है.

यह भी पढ़ेंः अयोध्या राम मंदिर मामले की सुनवाई में अब तक हिंदू पक्ष ने रखे हैं ये तर्क

वायुसेना प्रुमख भी हैं मिग-21 पायलट
गौरतलब है कि वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान 17वीं स्क्वॉड्रन का नेतृत्व करते हुए खुद लड़ाकू विमान उड़ाया था. यही नहीं, उन्होंने नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तान के सप्लाई डिपो को ध्वस्त करने में सफलता हासिल की थी. अभिनंदन बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के समय कश्मीर एयर बेस पर तैनात थे. हालांकि पाकिस्तान के लड़ाकू विमान एफ-16 को मार गिराने के दौरान अभिनंदन का मिग-21 लड़ाकू विमान भी दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इसके साथ ही अभिनंदन पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्र में पकड़े गए थे. हालांकि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय दबाव में अभिनंदन को रिहा कर दिया था. इसके बाद 15 अगस्त को उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया.

यह भी पढ़ेंः कुलभूषण जाधव मामले में भी पाकिस्तान बैकफुट पर, डिप्टी कमिश्नर गौरव आहलूवालिया मिलने पहुंचे

पठानकोट है सबसे बड़ा एयरबेस
गौरतलब है कि पठानकोट एय़रबेस भारतीय वायु सेना का देश का सबसे बड़ा अड्डा है, जहां वायु सेना की 26 स्क्वॉड्रन तैनात हैं. इनमें से 5 स्क्वॉड्रन रूस निर्मित मिग-21 विमानों की हैं. इनमें से भी चार स्क्वॉड्रन मिग-21 के उन्नत बाइसन लड़ाकू विमान की हैं. हालांकि ऐसी चर्चा है कि इस साल के अंत तक वायु सेना इस स्क्वॉड्रन को डिकमिशंड कर देगी. वायु सेना को रक्षा पंक्ति को सुदृढ़ रखने के लिहाज से 42 स्क्वॉड्र की जरूरत है, जबकि उसके पास फिलहाल 30 स्क्वॉड्रन ही हैं.