जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को अलगाववादी नेताओं के रिहा कर देना चाहिए ताकि वे गृह मंत्री राजनाथ को बता सकें कि राज्य में उनके (राजनाथ) आगामी दौरे के दौरान वे क्या चाहते हैं।
अपने दिवंगत पिता व नेशनल कांफ्रेंस के संस्थापक शेख मुहम्मद अब्दुल्ला की 35वीं पुण्यतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान फारुक अब्दुल्ला ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा इस समय की जा रही जांच केवल कश्मीर में अशांति फैलाने के मकसद से की जा रही है।
उन्होंने कहा, 'मैं इन छापों को जायज तभी मानूंगा, जब कुछ ठोस सबूत निकलकर सामने आए। अगर यह सिर्फ उन लोगों को डराने के लिए है, तो फिर मैं भारत सरकार को यह बताना पसंद करूंगा कि चाहे वे कितना ही अत्याचार कर लें, कश्मीर के लोग अपने आदर्शो को नहीं बेचेंगे।'
अब्दुल्ला ने कहा, 'अलगाववादियों को जरूर रिहा किया जाना चाहिए, ताकि वे जो कुछ भी कहना चाहते हैं, गृह मंत्री को बता सकें।'
उन्होंने कहा कि 'एनआईए को पैसों के बल पर भारत सरकार द्वारा राज्य में नेशनल कांफ्रेंस को कमजोर करने के मामले की जांच करनी चाहिए।'
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उन्होंने आरोप लगाया कि वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या इसलिए कर दी गई क्योंकि उन्होंने इस बारे में लिखा था कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) कैसे देश को कमजोर कर रहा है।
रोहिंग्या के मुद्दे पर अब्दुल्ला ने कहा,' यह शताब्दी की सबसे दुखद घटना है, जहां उनके धर्म के कारण निर्दोष लोगों का सफाया हो रहा है। मैं संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग से ये सवाल करना चाहता हूं - वे क्या कर रहे हैं? क्या उन्हें लोकतंत्र और मानवता की हत्या नहीं दिखती है?'
उन्होंने आगे कहा कि मैं नोबल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान सु की से अनुरोध करता हूं कि उन्हें इन (रोहिंग्या) लोगों को बचाने के लिए बहुत मेहनत करनी चाहिए जो उनके देश का हिस्सा हैं।
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HIGHLIGHTS
- फारुक अब्दुल्ला ने की अलगाववादियों की रिहाई की मांग
- उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोग अपने आदर्शो को नहीं बेचेंगे
Source : News Nation Bureau