IIM कोलकाता में बोले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, असहिष्णुता बर्दाश्त नहीं, तर्कों के साथ बहस के लिए तैयार
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को कहा कि मैं तर्कों के साथ बहस के लिए तैयार हूं लेकिन हमें असहिष्णुता बर्दाश्त नहीं है। वह आईआईएम कोलकाता के 52वें दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे।
highlights
- राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी बोले, तर्कों के साथ बहस के लिए तैयार, असहिष्णुता बर्दाश्त नहीं
- राष्ट्रपति बोले, हम किसी को खारिज नहीं करते, बल्कि हम उन्हें स्वीकार करते हैं
- आईआईएम कोलकाता के 52वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे मुखर्जी
नई दिल्ली:
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को कहा कि मैं तर्कों के साथ बहस के लिए तैयार हूं लेकिन हमें असहिष्णुता बर्दाश्त नहीं है। उन्होंने कहा, 'यूनिवर्सिटी कैंपस न केवल शारीरिक उत्पीड़न से दूर होने चाहिए बल्कि, मानसिक उत्पीड़न से भी।'
भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) कोलकाता के 52वें दीक्षांत समारोह में उन्होंने कहा, 'हम किसी को खारिज नहीं करते, बल्कि हम उन्हें स्वीकार करते हैं। अपनाते हैं, गले लगाते हैं और उन्हें अपने में मिला लेते हैं।'
और पढ़ें: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा- भारत में असहिष्णुता की कोई जगह नहीं
उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से सहिष्णु रहा है। यूनिवर्सिटी में सैकड़ों विचार आते हैं। इनपर टकराव की जगह बहस होनी चाहिये। राष्ट्रति ने कहा, 'मैं तर्कों के साथ बहस के लिए तैयार हूं लेकिन हमें असहिष्णुता बर्दाश्त नहीं है।'
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की यह टिप्पणी पिछले दिनों दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में एबीवीपी और ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) के बीच हिंसक झड़प की घटना के मद्देनजर आई है।
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