गाड़ियां अब डीजल-पेट्रोल से नहीं, बल्कि पानी से चलेंगी, हैदराबाद के सुंदर ने किया इसका अविष्कार

सुंदर रमैया कहते हैं कि चूंकि पानी से चलने वाला इंजन ऑक्सीजन छोड़ेगा. इसलिए ग्लोबल वार्मिंग की समस्या पूरी तरह से हल हो जाएगी

सुंदर रमैया कहते हैं कि चूंकि पानी से चलने वाला इंजन ऑक्सीजन छोड़ेगा. इसलिए ग्लोबल वार्मिंग की समस्या पूरी तरह से हल हो जाएगी

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Sushil Kumar
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गाड़ियां अब डीजल-पेट्रोल से नहीं, बल्कि पानी से चलेंगी, हैदराबाद के सुंदर ने किया इसका अविष्कार

सुंदर रमैया ने जल ईंधन तकनीक का किया आविष्कार( Photo Credit : ANI)

हैदराबाद में सुंदर रमैया नाम के एक शख्स ने एक बहुत ही शानदार अविष्कार किया है. उनके इस अविष्कार से देश के कई समस्याओं का समाधान हो जाएगा. लोगों को बढ़ते डीजल-पेट्रोल के दामों से छुटकारा मिल जाएगा. साथ ही प्रदूषण पर भी रोक लग जाएगा. लोगों को वायु प्रदूषण से जूझना नहीं पड़ेगा. साथ ही इस तकनीक के माध्यम से लोगों को सांस लेने के लिए ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी.

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इस अविष्कारक व्यक्ति ने जल ईंधन तकनीक का आविष्कार किया है. इस तकनीक से वाहन पानी पर चलेगा. वाहन को चलाने के लिए ईंधन के रूप में सिर्फ पानी की जरूरत होगी. साथ ही पानी पर भारी सहित वाहनों को चलाने में मदद करेगा. सुंदर रमैया कहते हैं कि चूंकि पानी से चलने वाला इंजन ऑक्सीजन छोड़ेगा. इसलिए ग्लोबल वार्मिंग की समस्या पूरी तरह से हल हो जाएगी. वाहन का लाइफ भी बढ़ जाएगा.

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सुंदर रमैया ने कहा कि 1 लीटर पानी 30 लीटर ईंधन की दक्षता देगा. इस इंजन के साथ कुल 90 करोड़ वाहन को प्रतिदिन काम में लाना है. जिससे वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण बिल्कुल शून्य हो जाएगा. लोगों को बहुत बड़ा संकट से छुटकारा मिल जाएगा. वाहनों को चलाने के लिए अब ज्यादा जेबें ढीली नहीं करनी पड़ेगी. साथ ही पर्यावरण के लिए भी काफी अच्छा रहेगा.

क्‍या है ग्‍लोबल वार्मिंग

ग्‍लोबल वार्मिंग का मतलब होता है पृथ्‍वी का तापमान बढ़ जाना. दरअसल पृथ्‍वी की सतह का औसत तापमान में यह बढ़ोतरी ग्रीन हाउस गैसों के प्रभाव में आने की वजह से होता है. इसे समान्‍य शब्‍दों में हम यदि कहें कि ग्लोबल वार्मिंग का मतलब है कि पृथ्वी लगातार गर्म होती जा रही है. क्‍लाइमेंट चेंज होने की वजह से आने वाले दिनों में सूखा, बाढ़ और मौसम का मिजाज बुरी तरह बिगड़ा हुआ दिखेगा.

ग्लोबल वार्मिंग के कारण

ग्लोबल वार्मिंग की वजह पर्यावरण के जानकारों और वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह तेजी से औद्योगीकरण, शहरों का विकास, जंगलों का तेजी से कम होना है. इसके अलावा पेट्रोलियम पदार्थों के धुंए से होने वाला प्रदूषण और फ्रिज तथा एयरकंडीशनर आदि का बढ़ता प्रयोग भी इसके लिए जिममेदार है.

ग्लोबल वार्मिंग का असर

ग्लोबल वार्मिंग का असर दुनियाभर में दिखन लगा है. ग्लेशियर पिघल रहे हैं और रेगिस्तान बढ़ते जा रहे हैं. कहीं, समान्य से कम तो कहीं असामान्य बारिश हो रही है. वहीं, कहीं सूखा पड़ रहा है, तो कहीं नमी में कमी नहीं आ रही है.

ग्लोबल वार्मिंग रोकने के उपाय

ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के उपाय पर्यावरणविदों और वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग में कमी लाने के लिए हमें मुख्य रूप से क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी) गैसों के उत्सर्जन को रोकना होगा. इसके लिए फ्रिज, एयर कंडीशनर और दूसरे कूलिंग मशीनों का इस्तेमाल कम करना होगा.

(ANI इनपुट्स के साथ)

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