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उपराष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया, भारत को शिक्षा में विश्वगुरु बनाने का आह्वान किया

उपराष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया, भारत को शिक्षा में विश्वगुरु बनाने का आह्वान किया

Updated on: 21 Jul 2021, 02:55 PM

नई दिल्ली:

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने बुधवार को ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी द्वारा भविष्य के विश्वविद्यालय : संस्थागत लचीलापन का निर्माण, सामाजिक उत्तरदायित्व और सामुदायिक प्रभाव का निर्माण विषय पर आयोजित विश्व विश्वविद्यालय शिखर सम्मेलन 2021 (डब्ल्यूयूएस 21) का उद्घाटन किया।

अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने कहा, आज उच्च शिक्षा में दबाव का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि हम महामारी से उबरने के मार्ग पर चल रहे हैं। शिक्षा ज्ञान के उपयोगी अनुप्रयोग के माध्यम से राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को समृद्धि के मार्ग पर ले जाती है।

हमें शिक्षा में एक जटिल मांग का सामना करना पड़ता है जो न केवल बड़ी छात्र संख्या और ग्रामीण-शहरी भौगोलिक विभाजन द्वारा चिह्न्ति है, बल्कि हमारे देश में अद्वितीय विविधता द्वारा भी चिह्न्ति है। जबकि हमारी संख्या और विविधता हमारी ताकत है, ये शिक्षा तक पहुंच की समानता की चुनौतियां भी हमारे सामने लाते हैं।

उन्होंने कहा, हमें शिक्षा के क्षेत्र में विश्वगुरु बनने का लक्ष्य रखना चाहिए। चल रही महामारी ने हमारे जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है और वैश्विक स्तर पर अनुमानित 1.2 अरब बच्चों को कक्षाओं से बाहर कर दिया गया है। आज 32 डायरेक्ट-टू-होम चैनल ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने के लिए समर्पित हैं, लेकिन सभी तक ऑनलाइन बुनियादी ढांचे तक पहुंच नहीं है।

भले ही हम इन मुद्दों को हल कर लें, हम ऑनलाइन सीखने के साथ कक्षा के अनुभव को प्रतिस्थापित नहीं कर सकते हैं। हमें ऑनलाइन सीखने और कक्षा शिक्षण के सर्वोत्तम अभ्यास को मिलाकर सर्वश्रेष्ठ हाइब्रिड मॉडल का पता लगाने की आवश्यकता है।

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी को डब्ल्यूयूएस 21 के पैमाने और दायरे के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, भारत का उच्च शिक्षा का एक लंबा इतिहास रहा है।

उन्होंने कहा, भारत को 1.38 अरब लोगों के लिए डिजाइन की गई शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता है और आज हमारी वास्तविकता पहले की तुलना में बिल्कुल अलग है। आज के वैश्वीकरण और उदारीकरण के युग में, हमें शिक्षा क्षेत्र में सुधार करना चाहिए। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 भारत के परिवर्तन की फिर से कल्पना करती है।

उन्होंने कहा, गुणवत्ता, इक्विटी, पहुंच और सामथ्र्य के एनईपी के चार स्तंभ वह आधार हैं जिस पर एक नया भारत उभरेगा। हमारे भविष्य के संस्थानों का वैश्विक मानदंडों के साथ तालमेल और सहज एकीकरण होगा जो हमारे मानव संसाधन को मानव पूंजी में बदल देगा। हमें भारत को एक वैश्विक शिक्षा गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना, सस्ती कीमत पर शिक्षा प्रदान करना होगा। हम उच्च गुणवत्ता वाले विदेशी संस्थानों को भी भारत में सहयोग और संचालन के लिए सक्षम करेंगे।

प्रोफेसर (डॉ.) डी.पी. सिंह, अध्यक्ष, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कहा, आज भारतीय शिक्षा प्रणाली कई चुनौतियों का सामना कर रही है। एक कोविड -19 से है और दूसरा यह है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के ²ष्टिकोण और मार्गदर्शक दर्शन को कैसे महसूस किया जाए।

उन्होंने कहा, सम्मेलन के विषयों में से एक संस्थागत लचीलापन(इंस्टिट्यूशनल रिजाइलेंस) का निर्माण करना है, जिसका अब तक कभी परीक्षण नहीं किया गया है। यूजीसी ने शिक्षा की पहुंच, इक्विटी और गुणवत्ता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित किया है और संस्थानों ने एकीकृत डिजिटल लनिर्ंग प्लेटफॉर्म के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की कोशिश की है।

नवीन जिंदल, संस्थापक चांसलर, ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी, ने सम्मानित लोगों का स्वागत किया और कहा, हमारे पास मेरे पिता की याद में विश्व स्तर की शिक्षा प्रदान करने के लिए एक संस्थान बनाने का एक ²ष्टिकोण था, जो शिक्षा के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन के मिशन को आगे बढ़ाता है, जिसमें वह विश्वास करते थे।

उन्होंने कहा, विनम्र शुरूआत से, जेजीयू लगभग 8,000 छात्रों को शामिल करने के लिए विकसित हुआ और वैश्विक ख्याति की शिक्षण क्षमता और विश्व स्तर पर सर्वोत्तम शिक्षा तक पहुंच के साथ 12 स्कूलों की स्थापना की है। हम एक शोध-गहन संस्थान सुनिश्चित करना चाहते थे जो अच्छा योगदान दे सके। हमारे सभी सामूहिक प्रयासों की परिणति यह है कि जेजीयू को प्रतिष्ठित संस्थान (आईओई) के रूप में पहचान मिली और क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के अनुसार भारत के नंबर 1 निजी विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता दी गई है। जेजीयू ने भारतीय उच्च शिक्षा के वैश्विक पदचिह्न् को बढ़ाया है।

उन्होंने कहा, जैसा कि दुनिया ने एक अभूतपूर्व महामारी का सामना किया, हमने अपने छात्रों के लाभ के लिए एक सप्ताह के भीतर ऑनलाइन कक्षाओं को फिर से शुरू करना सुनिश्चित किया और केवल 2020 में 20,000 से अधिक ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की गई हैं! इसके लिए हमें प्रतिष्ठित क्यूएस आई-गेज लर्निग से अकादमिक डिजिटाइजेशन (ई-लीड) के लिए ई-लर्निग उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया गया था।

ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) सी. राज कुमार ने कहा, जहां तक विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा के भविष्य पर चर्चा को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने की बात है, दृष्टिकोण यह है कि जेजीयू द्वारा आयोजित विश्व विश्वविद्यालय शिखर सम्मेलन 2021 विश्व आर्थिक मंच के समान होगा।

उन्होंने कहा, जेजीयू ने 6 ग्लोबल एजुकेशन नेटवर्क्‍स - एसोसिएशन ऑफ कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटीज (एसीयू), एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (एआईयू), कौरसेरा, ब्राजीलियन यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल कोऑपरेशन ग्रुप, स्टार स्कूलर नेटवर्क और अपग्रेड के साथ साझेदारी की है।

उन्होंने कहा, भविष्य के विश्वविद्यालयों को आकार देने में मदद करने के लिए भारतीय और वैश्विक विश्वविद्यालयों के लिए एक वैश्विक मंच बनाने की कल्पना है। आज जब हम चल रही महामारी के कारण दुनिया भर में सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और तकनीकी बदलाव देख रहे हैं, तो दुनिया संस्थागत लचीलापन, सामाजिक जिम्मेदारी और सामुदायिक प्रभाव के प्रति अपने ²ष्टिकोण को मजबूत करने के लिए भविष्य के विश्वविद्यालयों की भूमिका को फिर से परिभाषित करने की महत्वपूर्ण चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

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