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Hyderabad Justice: सीनियर एडवोकेट ने पुलिस के एनकाउंटर पर उठाए सवाल, कहा- भारतीय कानून में...

हैदराबाद में पुलिस की मुठभेड़ पर सीनियर एडवोकेट संजय पारिख ने सवाल उठाए हैं.

Updated on: 06 Dec 2019, 04:04 PM

नई दिल्ली:

Hyderabad Rape Encounter: हैदराबाद में जानवरों की डॉक्टर के साथ गैंगरेप और उसे जलाकर मारने वाली जघन्य वारदात को अंजाम देने वाले चारों आरोपी पुलिस मुठभेड़ में मार दिए गए हैं. पुलिस की मुठभेड़ को लेकर सीनियर एडवोकेट संजय पारिख ने कहा कि भारतीय कानून में एनकाउंटर की कोई जगह नहीं है. संविधान, आईपीसी, सीआरपीसी में कहीं पर भी एनकाउंटर का प्रावधान या पुलिस को इसकी इजाजत नहीं दी गई है.

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सीनियर एडवोकेट संजय पारिख ने आगे कहा कि एनकाउंटर सही है या गलत ये भी सवाल नहीं है. एनकाउंटर होने की सूरत में हत्या या गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज होकर जांच होगी और पुलिस सिर्फ आत्मरक्षा की दुहाई देकर ही इसे जस्टिफाई कर सकती है. हमने साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट में दायर अर्जी में और यूपी में ताबड़तोड़ एनकाउंटर को लेकर दायर अर्जियों में ये सवाल उठाए थे.

उन्होंने आगे कहा कि कोई व्यक्ति अगर खुद पुलिस के पास जाकर गुनाह कबूल भी कर ले तो भी जांच की जरूरत होगी और ट्रायल के बाद ही उसे दोषी साबित किया जा सकता है. क्योंकि, हो सकता है कि उसने किसी के दबाव में आकर अपना गुनाह पुलिस के सामने स्वीकार किया हो. वरिष्ठ वकील ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2014 में दिए गए फैसले में एनकाउंटर को लेकर दिशा निर्देश जारी किए थे. जिसके मुताबिक, एनकाउंटर होने की सूरत में किसी दूसरे थाने में एफआईआर दर्ज होगी और ट्रायल के दौरान पुलिस को अपना स्टैंड जस्टिफाई करना होगा.

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बता दें कि पुलिस देर रात चारों आरोपियों को लेकर घटनास्थल पर लेकर गई थी, जहां धुंध का फायदा उठाकर आरोपियों ने भागने की कोशिश में पुलिस से हुई मुठभेड़ में चारों आरोपियों की मौत हो गई. बताया यह भी जा रहा है कि एनएच 44 पर हुई मुठभेड़ में आरोपियों ने पुलिस से हथियार छीनने की भी कोशिश की थी. इसी फेर में पुलिस को गोली चलानी पड़ी और आरोपी ढेर हो गए. यह वारदात 28 नवंबर को हुई थी और आज यानी छह दिसंबर को पुलिस ने आरोपियों को मार गिराया.

शुक्रवार की सुबह पूरे हैदराबाद ही नहीं देश के लिए भी काफी अलग थी. हैदराबाद गैंगरेप के बाद जिस पुलिस के खिलाफ लोग प्रदर्शन कर रहे थे आज उन्हीं के हाथों में फूल थे. लोग पुलिस पर फूल बरसा रहे थे. महिलाएं पुलिस को राखी बांध रहीं थी. लोग जब सोकर उठे तो उन्हें पहली खबर उन आरोपियों के एनकाउंटर में ढेर होने की ही मिली, जिन्होंने जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया था. लोगों के लिए खुशी की बात यह भी थी कि इन आरोपियों का एनकाउंटर उसी जगह पर हुआ, जहां उन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया था.