कट्टरपंथी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस की नजर अब जम्मू-कश्मीर के युवा क्रिकेटरों पर है। सैयद अली शाह गिलानी की अगुवाई वाले कट्टरपंथी संगठन ने कश्मीरी क्रिकेटरों से घाटी के बाहर अपने दौरो में खेल संबंधित उन गतिविधियों से परहेज करने को कहा हैं, जिनसे अलगाववादी मकसद को नुकसान पहुंच सकता है।
ऐसे में सवाल उठता है कि हुर्रियत का क्या मकसद है जिसे कश्मीर के युवा क्रिकेटर नुकसान पहुंचा रहे हैं? इस सवाल का जवाब हुर्रियत ने नहीं दिया है।
हुर्रियत ने एक बयान में कहा कि हमारे युवा भारत के विभिन्न राज्यों में क्रिकेट खेलने में मशरूफ हैं। किसी के निजी मामलों में दखलअंदाजी करने का हमें कोई अधिकार नहीं हैं। फिर भी हम इन युवकों से अपील करते हैं कि वे ऐसी कोई भी गतिविधि करने से बचें जो हमारे दुश्मन को हमारे खिलाफ बोलने का मौका दे।
हालांकि अलगाववादी समूह ने घाटी में स्कूलों को जलाये जाने की घटनाओं पर चिंता जाहिर की और आरोप लगाया कि ऐसी घटनाएं उन्हें बदनाम करने के लिए की जा रही हैं। पिछले दिनों खबर आई थी की अलगाववादियों ने घाटी के कई स्कूलों में आग लगा दी साथ ही कई स्कूलों को बंद करा दिया। जबकि सैय्यद अली शाह गिलानी की पोती जिस स्कूल में पढ़ती है वह खुला रहा।
Source : News Nation Bureau