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दिल्ली के करीब पहुंच रहे हैं और किसान, NCR सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाई गई

सैकड़ों किसान पानीपत टोल प्लाजा पर एकत्र हो चुके हैं, जिनका इरादा शुक्रवार सुबह दिल्ली कूच का है.

Updated on: 27 Nov 2020, 06:49 AM

नई दिल्ली:

केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में 'दिल्ली चलो' मार्च के तहत पंजाब से चले किसानों के दिल्ली के करीब पहुंचने के कारण शहर पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी की सभी सीमाओं पर सुरक्षा बहुत ज्यादा बढ़ा दी है. पुलिस का कहना है कि केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान अगर दिल्ली की सीमाओं पर पहुंच भी जाते हैं जो भी उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी. प्रदर्शन में शामिल पंजाब और हरियाणा के किसानों में से काफी लोग गुरुवार देर शाम तक राष्ट्रीय राजधानी के पास पहुंच गए. पंजाब के किसानों के मद्देनजर शहर पुलिस ने सिंघू सीमा पर यातायात बंद कर दिया है. बताते हैं सैकड़ों किसान पानीपत टोल प्लाजा पर एकत्र हो चुके हैं, जिनका इरादा शुक्रवार सुबह दिल्ली कूच का है.

अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार की शाम बहादुरगढ़ से दिल्ली की ओर यातायात का आगमन भी बंद कर दिया गया था. पुलिस ने कहा, प्रदर्शनकारियों के साथ आ रहे ट्रैक्टरों को रोकने के लिए सिंघू सीमा पर बालू से लदे पांच ट्रक और तीन वाटर कैनन (पानी की बौछार करने वाली गाड़ी) तैनात किए गए हैं. कानून-व्यवस्था पर नजर रखने के लिए ड्रोन भी तैनात किए गए हैं. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सिंघू सीमा पर सबसे आगे की ओर लगाए गए अवरोधकों के साथ कांटेदार तार का बाड़ बनाया गया है ताकि प्रदर्शनकारी अवरोधक पार ना कर सकें. वहीं पंजाब से आ रहे किसानों का एक बड़ा समूह दिल्ली से करीब 100 किलोमीटर दूर पानीपत में टोल प्लाजा तक पहुंच चुका था. भारतीय किसान यूनियन (हरियाणा) के नेता गुरनाम सिंह ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की वहां रात गुजारने की योजना है और सुबह फिर मार्च शुरू होगा.

किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने एनएच-24, चिल्ला सीमा, टिगरी सीमा, बहादुरगढ़ सीमा, फरीदाबाद सीमा, कालिंदी कुंज सीमा और सिंघू सीमा पर पुलिस बल तैनात किया है. पंजाब और हरियाणा से आने वाले किसानों के सिंघू सीमा से दिल्ली में प्रवेश करने की संभावना है, जिसे देखते हुए वहां भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है. हालात का जायजा लेने के लिए दिल्ली के पुलिस आयुक्त एस. एन. श्रीवास्तव सीमावर्ती क्षेत्रों में गए और कहा कि प्रदर्शन कर रहे किसानों को शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी.

उन्होंने कहा, 'कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम की अनुमति नहीं होगी इसलिए उनके (किसानों) अनुरोध को स्वीकार नहीं किया गया. अगर वे फिर भी प्रयास करते हैं तो हमने सीमाओं पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए हैं ताकि उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश ना करने दिया जाए. हम पंजाब और हरियाणा पुलिस के संपर्क में भी हैं.' यात्रियों को हो रही समस्या के बारे में सवाल करने पर पुलिस आयुक्त ने कहा, 'चूंकि उन्होंने (प्रदर्शन कर रहे किसानों ने) राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया है, कुछ दिक्कतें तो होंगी, लेकिन हम उसका जल्दी समाधान निकालने का प्रयास करेंगे... राष्ट्रीय राजधानी की तरफ आने की जगह उन्हें (किसानों को) वापस जाना चाहिए और नियमों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए.'

हालांकि प्रदर्शन के कारण दिल्ली से एनसीआर के अन्य शहरों के लिए मेट्रो सेवा चालू रहेगी, वहीं पड़ोसी शहरों से दिल्ली के लिए मेट्रो सेवा शुक्रवार को निलंबित रहेगी. दूसरी ओर किसानों के समर्थन में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे एक समूह के करीब 70 लोगों को पुलिस ने आज हिरासत में लिया. प्रदर्शन करने वालों में वामपंथी ट्रेड यूनियन के सदस्य, एसएफआई के सदस्य और जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय के छात्र शामिल थे. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि महिलाओं सहित 70 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया था, बाद में उन्हें छोड़ दिया गया.