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कैसे होगी मानसून सत्र की कार्यवाही, लोकसभा स्‍पीकर और राज्‍यसभा चेयरमैन ने किया विमर्श

संसद का मॉनसून सत्र के स्‍वरूप को लेकर लोकसभा स्‍पीकर ओम बिरला और राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू ने विमर्श किया. सदन के महासचिवों से पूछा गया है कि क्‍या सेंट्रल हॉल का इस्तेमाल मानसून सत्र के लिए हो सकता है.

Updated on: 02 Jun 2020, 09:32 AM

नई दिल्ली:

संसद का मॉनसून सत्र के स्‍वरूप को लेकर लोकसभा स्‍पीकर ओम बिरला और राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू ने विमर्श किया. सदन के महासचिवों से पूछा गया है कि क्‍या सेंट्रल हॉल का इस्तेमाल मानसून सत्र के लिए हो सकता है ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्णतः पालन किया जा सके. दोनों सदनों के अध्यक्षों ने दीर्घकाल के लिए ई-संसद की कार्यवाही पर भी जोर दिया. इस दौरान सेंट्रल हॉल में लोकसभा और लोकसभा में राज्‍यसभा की कार्यवाही कराने को लेकर विमर्श किया गया. यह भी बात की गई कि दोनों सदनों की बैठक एक साथ न कराकर एक दिन के अंतराल पर कराई जाए.

दोनों सदनों की कार्यवाही सुचारू ढंग से चलाए जाने के लिए तकनीकी व अन्य प्रबंध कैसे किए जा सकते हैं, इस बारे में महासचिव को विचार करने के लिए कहा गया. इस दौरान स्‍पीकर और चेयरमैन दोनों ने माना कि वर्चुअल मीटिंग का विकल्प ज्यादा सही हो सकता है. वेंकैया नायडू ने तो राज्यसभा के नए सदस्यों के शपथग्रहण के कार्यक्रम को रोकने का फैसला किया है.

दोनों अध्यक्षों ने कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के पालन पर बल दिया और यह माना कि यह लड़ाई अभी और लंबी चल सकती है. बताया जा रहा है कि कुछ लोकसभा सांसदों ने संसद सत्र में भी हिस्सा लेने पर आशंका जताई है क्योंकि क्वारनटीन नियमों को देखते हुए वे सफर नहीं कर सकते. इन सांसदों की हाजिरी का फैसला अलग-अलग कमेटी के अध्यक्षों पर छोड़ा जा सकता है.

लोकसभा सदस्‍यों की तरह राज्यसभा सदस्यों के साथ भी यही दिक्‍कत है. निर्विरोध चुने गए 37 सदस्‍यों के शपथ ग्रहण कार्यक्रम को वेंकैया नायडू ने टाल दिया है, जिस पर बाद में फैसला लिया जाएगा.