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भारत में विदेशी कंपनियां कैसे आएंगी?, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूरी प्लानिंग की दी जानकारी

मोदी सरकार (Modi Government) ने आर्थिक पैकेज में स्ट्रक्चरल रिफॉर्म को लेकर कई घोषणाएं की हैं.

Updated on: 16 May 2020, 05:45 PM

नई दिल्ली:

मोदी सरकार (Modi Government) ने आर्थिक पैकेज में स्ट्रक्चरल रिफॉर्म को लेकर कई घोषणाएं की हैं. इसके तहत केंद्र ने भारत में विदेशी कंपनियों को लाने के लिए बड़े प्लान के बारे में जानकारी दी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत में ​विदेशी कंपनियों को आ​कर्षित करने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करेंगे और योजनाएं अपग्रेडेशन होगी, ताकि निवेशकों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े.

वित्त मंत्री ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में कई तरह के ​पॉलिसी रिफॉर्म्स के तहत फास्ट ट्रैक इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा दिया गया है. उन्होंने बताया कि सचिवों की समूह के जरिये फास्ट ट्रैक क्लियरेंस देने का काम किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि हर मंत्रालय में निवेश को बढ़ाने के लिए प्रोजेक्ट डेवलपेमेंट सेल बनेगा. इस सेल की सहायता से हर मंत्रालय अपने क्षेत्र में संभावित प्रोजेक्ट्स की प्लानिंग करेगा और निवेशकों को आकर्षित करने को जरूरी कदम उठाएगा. केंद्र सरकार और राज्यों की मदद से ये सेल्स निवेश को बढ़ावा देंगे.

मोदी सरकार की एक हजार विदेशी कंपनियों पर नजर

आपको बता दें कि मोदी सरकार लगातार इस बात पर जोर दे रही है कि कोरोना वायरस के इस संकट की स्थिति को निवेश और विकास के लिए मौके में तब्दील किया जा सके. मीडिया रिपोर्ट्स में कुछ दिन पहले ही दावा किया गया था कि चीन से निकलने की तैयारी में जुटी करीब 1,000 कंपनियों को भारत में लाने के लिए मोदी सरकार तैयारी कर रही है. उन कंपनियों को भारत वरीयता दे रहा है, जो मेडिकल इक्विपमेंट्स की सप्लाई करती हैं, फुड प्रोसेसिंग, लेदर, टैक्सटाइल्स और ऑटो पार्ट्स जैसे 550 वस्तुओं की उत्पादन करती हैं.

भारत में विदेशी कंपनियों के लिए बेहतर अवसर

जानकारों के मुताबिक, भारत में आने के लिए कंपनियों को अधिक खर्च नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि यहां जमीन अधिग्रहण,​ स्किल्ड लेबर, अमेरिका, जापान या चीन की तुलना में बेहद किफायती और आसान है. भारत में श्रम कानून में भी संशोधन किया जा रहा है. ई-कॉमर्स कंपनियों की मांग पर मोदी सरकार विचार कर रही है, जिसमें उनपर​इस साल डिजिटल टैक्स लगाया जाना था. उम्मीद जताई जा रही है कि मोदी सरकार इसे कुछ दिनों के लिए डाल दे.

भारत को विदेशी निवेश से कैसे फायदा मिलेगा?

मोदी सरकार के लिए इन्वेस्टमेंट में इजाफा होने का मतलब है कि देश की अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलेगी, जिसकी हालत करीब आठ सप्ताह से चल रहे लॉकडाउन के चलते खराब हो चुकी है. अब सरकार के लिए बेरोजगारी दर चिंताजनक स्थिति पर पहुंच चुका है. भारत के लिए मौका है कि वो जमीन, श्रम और टैक्स से​ जुड़े नियमों में बदलाव करे, ताकि इससे निवेश बढ़े.

वियतनाम और कंबोडिया जैसे देशों की तुलना में भारत बहुत बड़ा बाजार है, लेकिन भारत आने में विदेशी कंपनियों को सबसे बड़ी बाधा टैक्स स्ट्रक्चर बनता है. इसके लिए जमीन अधिग्रहण से लेकर पानी और बिजली की सप्लाई जैसी सुविधाओं के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है.