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मदरसे पब्लिक के पैसे से कब तक चलेंगे? दीपक चौरसिया के साथ देखिये #DeshKiBahas

कश्मीर के शोपियां में स्थित धार्मिक स्कूल आतंकी पैदा कर रहा है. मदरसे पब्लिक के पैसे से कब तक चलेंगे? दीपक चौरसिया के साथ देखिये #DeshKiBahas...यहां पढ़ें मुख्य अंश.

Updated on: 14 Oct 2020, 09:19 PM

नई दिल्‍ली:

कश्मीर के शोपियां में स्थित धार्मिक स्कूल आतंकी पैदा कर रहा है. इसी आतंक की नर्सरी' से सज्जाद भट्ट भी निकला था, जो फरवरी 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में आरोपी था. मदरसे पर विदेशों से फंडिंग का आरोप लगता रहा है. यहां मेन स्ट्रीम की बजाय सिर्फ धार्मिक शिक्षा पर ज़ोर दिया जाता है. इसके अलावा ही कुछ मदरसों का आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप है. मदरसे पब्लिक के पैसे से कब तक चलेंगे? दीपक चौरसिया के साथ देखिये #DeshKiBahas...यहां पढ़ें मुख्य अंश.

  • सरकारी खर्चों पर धार्मिक शिक्षा बिलकुल नहीं होनी चाहिएः आनंद किशोर पांडेय, लखनऊ, दर्शक
  • ये पैसा सरकार का है जो कि जनता से आता है इसका उपयोग किसी भी धर्म के प्रचार में नहीं लगाना चाहिएः आनंद किशोर पांडेय, लखनऊ, दर्शक
    आप जिस चीज को बता रहे हैं उसका एश्योरेंस सरदार पटेल ने हमें दिया थाः अतीक उर रहमान, इस्लामिक स्कॉलर  
    अरबिक कुरान की भाषा है उस कुरान की जिसकी बात मोदी जी करते थे कि वो देखना चाहते हैं कि देश के युवा के एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में गीता होः अतीक उर रहमान, इस्लामिक स्कॉलर 
    पीएम ने कहा तो श्मशान और कब्रिस्तान पर भी थाः अतीकुर रहमान, इस्लामिक स्कॉलर
    ये निर्णय जो आज असम सरकार ने लिया वो अन्य राज्य भी ले सकते हैं वो स्वतंत्र हैंः प्रेम शुक्ला, प्रवक्ता, BJP
  • जनता के पैसे पर जो राजकोष से निकलता है उस पैसे से मदरसे नहीं चलाए जाएंगे तो फिर ऐसे में विक्टिम कार्ड खेलने का कोई लाभ नहीं होगाः प्रेम शुक्ला, प्रवक्ता, BJP
    मदरसों में खाली कुरान शरीफ ही नहीं पढ़ाया जा रहा है इसके अलावा जितने भी स्कूल चल रहे हैं क्या सरकार उन्हें पैसे नहीं दे रही हैः यास्मीन फारूकी, सदस्य, AIMPLB 
    अब्दुल कलाम जैसे लोग मदरसों से निकल कर आए हैं फिर आपको तकलीफ क्या है मदरसों सेः यास्मीन फारूकी, सदस्य, AIMPLB 
    जब हम लोग छोटे थे तो मॉरल साइंस पढ़ाई जाती थी लेकिन आपकी सरकार ने वो भी बंद कर दिया हैः यास्मीन फारूकी, सदस्य, AIMPLB 
    आप लोगों ने तो मदरसों को बदनाम करने की ठान ली हैः यास्मीन फारूकी, सदस्य, AIMPLB 
    अगर आप बराबर अधिकार ले रही हैं देश के अन्य बच्चों के साथ बराबर का फायदा ले रहीं है तो माइनोरिटी का लाभ क्यों ले रही हैंः सुबुही खान, सामाजिक कार्यकर्ता  
    जब आपको माइनोरिटी स्टेटस दिया गया था तब आपको जरूरत थी माइनोरिटी स्टेटस की लेकिन अब नहीं हैः सुबुही खान, सामाजिक कार्यकर्ता  
    अब हमें पता चला कि एनआरसी का विरोध देश में क्यों हो रहा था, क्योंकि मदरसों में बाहरी लोगों को घुसा के आतंक की ट्रेनिंग दी जाती थीः सुबुही खान, सामाजिक कार्यकर्ता
    ये मदरसे भी कुरान ही पढ़ा रही है वो सरकार हमें मदद दे रही हैः मौलाना अली कादरी, अध्यक्ष, सीरत उन नबी  
    गीता कहीं पढ़ाई जाए बाइबिल कहीं पढ़ाया जाए मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं हैः मौलाना अली कादरी, अध्यक्ष, सीरत उन नबी  
    आप जो पैसा देते हैं वो धार्मिक यात्राओं के लिए प्रयोग किया जाता हैः मौलाना अली कादरी, अध्यक्ष, सीरत उन नबी
    ये सेक्युलिरिज्म का चोला ओढ़कर कम्युनिलिज्म बैठे हैं जो अपनी बात आते ही पीछे हट जाते हैंः विनोद बंसल, प्रवक्ता, VHP
      
    देश के 8 ऐसे राज्य हैं जिन पर इन्हें अल्पसंख्यक का दर्जा तो मिला है लेकिन वो वहां पर बहुसंख्यक हैंः  विनोद बंसल, प्रवक्ता, VHP
    गीता और महाभारत की तुलना आप कुरान से नहीं कर सकते हैं ये बिलकुल अतार्किक बात हैः विनोद बंसल, प्रवक्ता, VHP
    गीता और कुरान में कहीं भी हिन्दू-मुस्लिम का जिक्र नहीं है उसमें धर्म और ज्ञान की बातें हैंः विनोद बंसल, प्रवक्ता, VHP
    लेकिन कुरान में तो लिखा है कि अगर आप मुसलमान नहीं हैं तो आपका कत्ल कर दिया जाना चाहिएः  विनोद बंसल, प्रवक्ता, VHP
    लेकिन कुरान में तो लिखा है कि अगर आप मुसलमान नहीं हैं तो आपका कत्ल कर दिया जाना चाहिएः  विनोद बंसल
    जिस ग्रंथ के नाम पर आतंकी संगठन चलाए जा रहे हो वो धर्मग्रंथ कैसे हो सकती हैः  विनोद बंसल
    मुहम्मद साहब के नाम पर आतंकी संगठन किसने चलाया ये आपने बताया कभीः  विनोद बंसल
    कुरान के नाम पर दुनिया भर में जो हत्यायें हो रहीं हैं उसका जिम्मेदार कौन हैः  विनोद बंसल
    चोरी और सीनाजोरी तो आए दिन हम नेशनल टीवी पर देखते हैंः सुबुही खान, सामाजिक कार्यकर्ता
    ये किताब न तो कुरान है और न ही हमारा कोई धर्मग्रंथ है ये इस्लाम को बदनाम करने की कोशिश हैः मौलाना अली कादरी, अध्यक्ष, सीरत उन नबी
  • अरे, मौलाना मसूद अजहर पर तो हम थूकते भी नहीं है वो तो इस्लाम को बदनाम कर रहा हैः मौलाना अली कादरी, अध्यक्ष, सीरत उन नबी
    कल के दिन अगर आप गलती करेंगे तो हम आपको भी टोकेंगेः मौलाना अली कादरी, अध्यक्ष, सीरत उन नबी
    आप अन्य किसी धर्मग्रंथ में हिंसा फैलाने का जिक्र पाते हैंः प्रेम शुक्ला, बीजेपी प्रवक्ता
    दारुल हरम वो है जहां पर धर्म की पूरी आजादी नहीं होती है और हिन्दुस्तान दारुल हरम नहीं है हम यहां पर पूरी तरह से खुश हैंः मौलाना अली कादरी, अध्यक्ष, सीरत उन नबी
    सरकारी खर्चे पर धर्म की शिक्षा बिलकुल भी नहीं देना चाहिएः कपिल मोहडा, सहारनपुर, दर्शक
    इन मदरसों के भीतर देश के खिलाफ आतंकी गतिविधियों की ट्रेनिंग दी जाती हैः कपिल मोहडा, सहारनपुर, दर्शक
    हमारी ये मांग है कि पूरे देश के मदरसों, मौलाना और मौलवियों की जांच होनी चाहिएः कपिल मोहडा, सहारनपुर, दर्शक
    अशरफ अली को जहरबुझी तलवारें इन लोगों ने ही मारी थी न कि बीजेपी आरएसएस नेः सुबुही खान, सामाजिक कार्यकर्ता