पाकिस्‍तान ने ऐसे पकड़ा था कुलभूषण जाधव को, लगाया था जासूसी का आरोप

गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि जाधव रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के एजेंट हैं, जबकि वह कानूनी तौर पर ईरान में अपना व्यापार करते थे.

गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि जाधव रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के एजेंट हैं, जबकि वह कानूनी तौर पर ईरान में अपना व्यापार करते थे.

author-image
Sunil Mishra
एडिट
New Update
पाकिस्‍तान ने ऐसे पकड़ा था कुलभूषण जाधव को, लगाया था जासूसी का आरोप

कुलभूषण जाधव प्रकरण में आज आएगा ICJ का फैसला (फाइल)

आज 17 जुलाई को पाकिस्‍तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को लेकर अंतरराष्‍ट्रीय कोर्ट से बड़ा फैसला आना है. पाकिस्‍तान ने कुलभूषण जाधव को 3 मार्च 2016 को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि जाधव रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के एजेंट हैं, जबकि वह कानूनी तौर पर ईरान में अपना व्यापार करते थे. पाकिस्तान ने 25 मार्च 2016 को प्रेस रिलीज के जरिए भारतीय अफसरों को कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी के बारे में बताया था.

Advertisment

यह भी पढ़ें : कुलभूषण जाधव मामले में आज अंतरराष्‍ट्रीय न्‍यायाधिकरण सुनाएगा फैसला, 10 Points में जानें पूरा प्रकरण

कुछ दिनों बाद पाकिस्‍तान ने कुलभूषण जाधव के कथित कबूलनामे का एक वीडियो भी शेयर किया था, लेकिन भारतीय पक्ष का कहना था कि जाधव से जबरन आरोप कबूल करवाकर वीडियो बनासए गए. वीडियो में जाधव से यह भी कहलवाया गया था कि वह 2013 में रॉ में शामिल हुए थे. भारत सरकार ने कथित वीडियो और पाकिस्तान के आरोपों को सिरे से नकार दिया था. हालांकि भारत सरकार ने यह माना था कि जाधव भारतीय नागरिक हैं और इंडियन नेवी में काम कर चुके हैं.

भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि जाधव कानूनी तौर पर ईरान में व्यापार करते थे. उन्हें जबरन हिरासत में लेकर परेशान किया गया. जाधव को ईरान से अगवा किया गया. पाकिस्तान भारत के इस सवाल का जवाब देने में नाकाम रहा कि कुलभूषण पाकिस्तान कैसे पहुंचे?

यह भी पढ़ें : बागी विधायकों पर स्‍पीकर लें फैसला, उन्‍हें विश्‍वास मत में शामिल होने काे बाध्‍य नहीं किया जा सकता

भारत की दलीलों और अनुरोधों को दरकिनार करते हुए पाकिस्‍तान में 10 अप्रैल 2017 को कुलभूषण जाधव को जासूसी का दोषी मानते हुए सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुना दी. इस बीच, भारत ने पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के अफसरों की जाधव से मुलाकात करवाने की 16 बार इजाजत मांगी, लेकिन पाकिस्तान सरकार ने इसे नहीं माना. कुलभूषण जाधव की पत्नी और मां भी उनसे मिलने के लिए गुहार लगाती रहीं.

भारत सरकार ने पाकिस्‍तान में जाधव को सजा के खिलाफ अंतरराष्‍ट्रीय न्‍यायाधिकरण में गुहार लगाई. 9 मई 2017 को अंतरराष्ट्रीय अदालत ने कुलभूषण की फांसी पर रोक लगा दी. अंतरराष्ट्रीय अदालत में इस मामले में कई दौर में सुनवाई हुई, जहां कोर्ट में भारत और पाकिस्तान ने अपना-अपना पक्ष रखा.

यह भी पढ़ें : World Cup 2019: मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट को लेकर दिया 'नया सुझाव'

भारत का कहना है कि इस्लामाबाद ने जाधव तक राजनयिक पहुंच न देकर विएना संधि का उल्लंघन किया है. विएना संधि के अनुच्छेद 36 के तहत, अगर कोई विदेशी नागरिक गिरफ्तार किया जाता है या हिरासत में लिया जाता है तो उनके दूतावास को बिना किसी देरी के सूचना दी जानी चाहिए. दूसरी तरफ, पाकिस्तान का कहना है कि जाधव एक भारतीय जासूस है, जो पाकिस्तान के राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाते हुए अवैध तरीके से घुसा था इसलिए राजनयिक पहुंच का सवाल ही नहीं उठता.

HIGHLIGHTS

  • पाकिस्‍तान ने 3 मार्च 2016 को कुलभूषण जाधव को गिरफ्तार किया था
  • पाकिस्‍तान का आरोप, रॉ के जासूस हैं कुलभूषण जाधव
  • भारत की दलील, ईरान में व्‍यापार करते थे जाधव, व्‍यर्थ परेशान किया गया 

Source : News Nation Bureau

ICJ Kulbhushan Jadhav Case Kulbhushan Jadhav International Court of Justice kulbhushan jadhav story
      
Advertisment