Suicide Drone से चीन-पाक की उड़ेगी नींद, धमाके के साथ मचाता है तबाही
सुसाइड ड्रोन यानी एमआरपीकेएस एक बार लॉन्च करने के बाद यह हवा में घूमता है और जमीन पर ऑपरेटर को रीयल-टाइम इमेजरी प्रदान करता है.
highlights
- भारत उत्तरी बॉर्डर पर तैनात करेगा 120 सुसाइड ड्रोन
- सेना की तोपखाना यूनिट की क्षमताओं को बढ़ाएंगे ये ड्रोन
- मिसाइल की तरह काम करता है यह घातक ड्रोन
नई दिल्ली:
India-China Suicide Drone : सुसाइड ड्रोन (Suicide drone) सुनकर एक बार आप भी थोड़ी देर के लिए जरूर चौंक गए होंगे. सेना (Indian Army) चीन सीमा (china Border) के अग्रिम चौकियों पर तोपों से हमला करने और इसे मजबूत करने के उद्देश्य से स्वदेशी निर्मित सुसाइड ड्रोन तैनात करने का फैसला किया है. सेना ने मध्यम दूरी की सटीक मार प्रणाली (MRPKS) के कम से कम 10 सेट खरीदने का लक्ष्य रखा है. इस सेट के तहत 120 सुसाइड ड्रोन को भी शामिल किया गया है जिसे उत्तरी बॉर्डर के इलाके में तैनात किया जाएगा. सुसाइड ड्रोन (Suicide drone) के शामिल होने से (जिसे लॉइटरिंग म्यूनेशंस के नाम भी जाना जाता है) आर्मी के आर्टलरी यूनिट की क्षमताओं में न सिर्फ वृद्धि होगी बल्कि दुश्मन देश के मनसूबों पर भी पानी फेर सकता है.
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हाल ही में सेना के दस्तावेज में कहा गया है कि वर्तमान और भविष्य में दुश्मन देशों पर पहला हमला और मनोवैज्ञानिक रूप से लड़ाई जीतने के लिए सटीक-निर्देशित हथियारों की जरूरत होती है. ऐसे में दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने के लिए सेना को इस तरह के स्वेदेशी हथियारों की जरूरत पड़ेगी. सुसाइड ड्रोन यानी एमआरपीकेएस मानव रहित लड़ाकू हवाई वाहन (यूसीएवी) हैं जो निश्चित समय में सटीक स्ट्राइक करने में सक्षम है और अपने सही समय पर लक्ष्यों को निर्धारित करता है. मिसाइल की तरह काम करने वाले इस ड्रोन को शामिल करने से दुश्मन देश की चिंता जरूर बढ़ जाएगी.
जानिए क्या है इसकी खासियत
सुसाइड ड्रोन यानी एमआरपीकेएस एक बार लॉन्च करने के बाद यह हवा में घूमता है और जमीन पर ऑपरेटर को रीयल-टाइम इमेजरी प्रदान करता है. सुसाइड ड्रोन का उपयोग मैदानी, रेगिस्तान, अर्ध रेगिस्तान, पहाड़ी इलाकों और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में किया जाएगा. यह ड्रोन ऊपर जाते ही लक्ष्य पर गिरता है और फिर उसके बाद वहां धमाका करता है. सबसे खास बात यह है कि यह ड्रोन साधारण सर्विलांस ड्रोन या हथियारों से लैस ड्रोन की तरह नहीं होते हैं. यह सर्विलांस ड्रोन केवल रेकी कर सकते हैं जबकि सुसाइड ड्रोन किसी एयरक्राफ्ट की तरह जमीन पर हमला करने में सक्षम होते हैं. सुसाइड ड्रोन की एक और खासियत यह होती है कि यह किसी मिसाइल की तरह काम करते हैं. इस सुसाइड ड्रोन को सेटेलाइट, रडार आदि के माध्यम से लगातार नियंत्रित व दिशा निर्देशित किया जाता है. ऐसे में धमाके के कुछ सेकंड पहले भी सुसाइड ड्रोन हमला रोका जा सकता है.
काफी खतरनाक है यह ड्रोन
इस ड्रोन की एक अलग खासियत यह भी है कि यह ड्रोन लंबे समय तक अपने लक्ष्य के ऊपर मंडरा सकते हैं. किसी भी युद्ध में टाइमिंग काफी महत्वपूर्ण होती है. युद्ध के दौरान फाइटर जेट एयर रनवे से उड़ान भरने के बाद दुश्मन की सीमा में प्रवेश कर लेता है और उसके बाद जल्द हमला करके वापस आना पड़ता है, जबकि सुसाइड ड्रोन लॉन्च होने के बाद लंबे समय तक हवा में रह सकते हैं और उपयुक्त समय पर अपने लक्ष्य को निशाना बना उड़ा सकते हैं.
5 किलो तक के विस्फोटक लादे जाने की क्षमता
इस सुसाइड ड्रोन पर 5 किलो तक के विस्फोटक लादे जा सकते हैं. जिस जगह पर हमले को अंजाम दिया जाना है उसके लिए ड्रोन के उड़ान से पहले से ही उसमें फीड कर दिया जाता है. एक बार ड्रोन को छोड़ने के बाद यह अपने टारगेट वाली जगह के ऊपर उड़ता रहता है. यह तब तक उड़ता रहता है जबतक इसे हमला करने के निर्देश नहीं दिए जाते.
10 मिनट में 20 किमी तक पहुंच सकता है ड्रोम
यह सुसाइड ड्रोन (Suicide drone) 10 मिनट से भी कम समय में 20 किलोमीटर की दूरी तक पहुंच सकता है. सिस्टम की कुल रेंज लगभग 100 किलोमीटर है. यह 5 किलो के वारहेड के साथ दो घंटे तक या 10 किलो के वॉरहेड के साथ एक घंटे तक लक्ष्य का पीछा कर सकता है. इसकी अधिकतम गति (100 समुद्री मील) 6.5 मिनट के भीतर 20 किमी की दूरी तक पहुंच सकता है.
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