logo-image

'गांधीजी ने आत्महत्या कैसे की?' परीक्षा में पूछे गए इस बेढब सवाल पर बच्चों का सिर चकराया

स्कूलों में पूछे गए सवालों पर जांच शुरू कर दी गई है. वहां के एक स्थानीय स्कूल ने घरेलू परीक्षाओं के दौरान बच्चों से बेहद अजीबो गरीब सवाल पूछे थे.

Updated on: 14 Oct 2019, 09:21 AM

highlights

  • कक्षा 9 और 12 की आंतरिक परीक्षाओं में पूछे गए बच्चों से अटपटे सवाल.
  • शिक्षा विभाग ने स्कूल और प्रश्न-पत्र तैयार करने वालों के खिलाफ जांच शुरू की.
  • गांधी जी की आत्महत्या और अवैध शराब बिक्री से जुड़े थे सवाल

अहमदाबाद:

गुजरात सरकार के शिक्षा विभाग ने दयनीय शिक्षा व्यवस्था को दर्शाते स्कूलों में पूछे गए सवालों पर जांच शुरू कर दी गई है. वहां के एक स्थानीय स्कूल ने घरेलू परीक्षाओं के दौरान बच्चों से बेहद अजीबो गरीब सवाल पूछे थे. एक सवाल था कि महात्मा गांधी ने आत्महत्या कैसे की? दूसरे सवाल में बच्चों से स्थानीय पुलिस को एक पत्र लिखने को कहा गया था, जिसमें बच्चों को अपने क्षेत्र में अवैध शराब बिक्री की शिकायत करते हुए पूछा गया था कि शराब तस्करों पर कैसे रोकथाम लगाई जाए.

यह भी पढ़ेंः उत्तर प्रदेश के मऊ में सिलेंडर ब्लास्ट, हादसे में 10 लोग मरे, करीब 15 घायल

अवैध शराब बिक्री पर कहा गया पत्र लेखन को
मामला गुजरात का है. वहां सुफलाम शाला विकास संकुल के बैनर तले चलने वाले स्कूलों में 9वीं कक्षा के इंटर्नल एग्जाम में चौंकाने वाला सवाल पूछा गया. सवाल है, 'गांधीजी ने आत्महत्या कैसे की?' परीक्षा में यह अटपटा सवाल पूछे जाने का मामला सामने आने के बाद अधिकारियों ने इसकी जांच शुरू कर दी है. इतना ही नहीं, 12वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं से भी एक अजीबो-गरीब सवाल पूछा गया, जिसे देख अधिकारी हैरत में पड़ गए. परीक्षा में छात्र-छात्राओं से पूछा गया है, 'अपने इलाके में शराब की बिक्री बढ़ने एवं शराब तस्करों द्वारा पैदा की जाने वाली परेशानियों के बारे में शिकायत करते हुए जिला पुलिस प्रमुख को एक पत्र लिखें.'

यह भी पढ़ेंः LoC पर पाकिस्तानी आतंकियों की घुसपैठ रोकने के लिए बढ़ाए गए भारतीय सैनिक

स्कूल के खिलाफ जांच शुरू
गांधीनगर के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने बताया, 'स्ववित्तपोषित स्कूलों के एक समूह ने और अनुदान प्राप्त करने वाले स्कूलों ने ये दोनों सवाल शनिवार को हुई अपनी आंतरिक परीक्षाओं में शामिल किए थे. ये प्रश्न बहुत आपत्तिजनक हैं और हमने इसकी जांच शुरू कर दी है. रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.' उन्होंने बताया कि सुफलाम शाला विकास संकुल के बैनर तले संचालित होने वाले इन स्कूलों के प्रबंधन ने ये प्रश्न पत्र तैयार किए थे और इनका राज्य शिक्षा विभाग से कोई लेना-देना नहीं है.