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कैसे विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां बाजारों का माहौल बिगाड़ रही हैं? दीपक चौरसिया के साथ देखिये #DeshKiBahas

विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों पर आरोप लग रहा है कि ऑनलाइन व्यापार नियमों का उल्लंघन हो रहा है. उत्पादों को बेचने के लिए गलत तरीके से ऑफर दिए जा रहे हैं. गलत तरीके से डिस्काउंट देकर लुभाने और FLASH SALE के नाम पर फंसाने की कोशिश की जा रही है.

Updated on: 13 Aug 2021, 09:27 PM

नई दिल्ली:

विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों पर आरोप लग रहा है कि ऑनलाइन व्यापार नियमों का उल्लंघन हो रहा है. उत्पादों को बेचने के लिए गलत तरीके से ऑफर दिए जा रहे हैं. गलत तरीके से डिस्काउंट देकर लुभाने और FLASH SALE के नाम पर फंसाने की कोशिश की जा रही है. बाजार से प्रतियोगिता खत्म करने के लक्ष्य से काम हो रहा है. लागत से कम दाम पर भी सामानों की बिक्री हो रही है. कंपनियां कानून तोड़कर बाजार में पैसा लगा रही हैं. गलत तरीके से नुकसान की भरपाई की जा रही. अमेजन-फ्लिकार्ट में 80-90% अपनी कंपनियों को प्रमोट कर रहा है. ई-कॉमर्स कंपनियां FDI पॉलिसी का उल्लंघन कर रही हैं. कैसे ई-कॉमर्स कंपनियां बाजारों का माहौल बिगाड़ रही हैं? दीपक चौरसिया के साथ देखिये #DeshKiBahas... यहां पढ़ें मुख्य अंश.

  • ईस्ट इंडिया कंपनी ने भी पहले सस्ता सामान देने का लालच दिया था : प्रवीण खंडेलवाल, महासचिव 
  • ये विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां भी ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह काम कर रही हैं : प्रवीण खंडेलवाल, महासचिव 
  • लागत से कम कीमत पर सामान बेच कर कानून का उल्लंघन कर रहीं ये कंपनियां : प्रवीण खंडेलवाल, महासचिव
  • सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई ने अमेजन-फ्लिपकार्ट पर कानून संबंधी सवाल उठाया था : प्रवीण खंडेलवाल, महासचिव
  • भारत के 8 करोड़ व्यापारी 40 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं : प्रवीण खंडेलवाल, महासचिव 
  • दोनों कंपनियों की वजह से भारत में डेढ़ लाख से अधिक दुकानें बंद हो गई हैं: प्रवीण खंडेलवाल, महासचिव
  • दोनों कंपनियों को हमारे देश में निवेश करने का निमंत्रण मिला था, देश को लूटने का नहीं : सुहेल सेठ, लेखक
  • अमेजन-फ्लिपकार्ट जब आए थे तो मार्केट प्लेस थे ना कि दुकानदार : सुहेल सेठ, लेखक
  • दोनों कंपनियों को बिजनेस टू बिजनेस अनुमति है न कि बिजनेस टू कंज्यूमर : सुहेल सेठ, लेखक
  • इनके लिए एक रिटेल प्राइज फिक्स है, फिर कैसे लागत से कम बेच रहे हैं : सुहेल सेठ, लेखक
  • ये होते कौन हैं देश के कानूनों का उल्लंघन करने वाले : सुहेल सेठ, लेखक
  • प्रधानमंत्री ने पहले ही कह दिया था कि इन कंपनियों को हमारे कानूनों को मानना होगा: सुहेल सेठ, लेखक
  • अगर कानून का उल्लंघन हुआ तो इन कंपनियों पर जुर्माना लगाना चाहिए : सुहेल सेठ, लेखक
  • बाहरी कंपनियां आएं लेकिन देश के कानूनों का उल्लंघन न करें : सुहेल सेठ, लेखक
  • बाहरी कंपनियां कैसे मारजिन देती हैं समझ नहीं आता : संजीव, व्यापारी
  • हमारे या ब्याज की दर ज्यादा, बाहर बहुत कम : संजीव व्यापारी
  • सरकार कहती है कि छोटे दुकानदार को बचाएंगे, लेकिन बाहर कंपनियां बचने नहीं देंगी : संजीव व्यापारी
  • छोटे व्यापारी की स्थिति बेहद खराब हो गई है : प्रो. बेजॉन मिश्रा, कंज्यूमर एक्सपर्ट 
  • फुटकार व्यापारियों को अच्छी सेवा देनी चाहिए ,ताकि ग्राहक उधर न जाएं : प्रो. बेजॉन मिश्रा, कंज्यूमर एक्सपर्ट 
  • किसी को हमारे देश के कानूनों से खिलवाड़ करने का अधिकार नहीं  : प्रो. बेजॉन मिश्रा, कंज्यूमर एक्सपर्ट
  • किसी भी व्यक्ति को घटिया सामान बेचने का अधिकारी नहीं : प्रो. बेजॉन मिश्रा, कंज्यूमर एक्सपर्ट
  • विदेशी ई-कामर्स ने नियमों की अनदेखी की : सुहेल सेठ, लेखक
  • किराना स्टोर ग्राहकों की मांग पर खुला सामान भी देते हैं, बाहरी कंपनियां नहीं :सुहेल सेठ, लेखक
  • कोरोना महामारी में किराना स्टोर ने देशवासियों की सेवा की है :सुहेल सेठ, लेखक
  • हमें कोरोना स्टोर संचालकों को उनकी सेवाओं के लिए सैल्यूट करना चाहिए :सुहेल सेठ, लेखक
  • विदेशी कंपनियां केवल एक प्लेटफॉर्म भर हैं : आर प्रसाद, पूर्व सदस्य
  • सभी को बराबर स्पेस मिलना चाहिए : आर प्रसाद, पूर्व सदस्य
  • एक प्लेटफॉर्म पर सबको समान डिस्काउंट मिलना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा : आर प्रसाद, पूर्व सदस्य
  • छोटे-छोटे व्यापारी खत्म हो जाएंगे, केवल बड़ी कंपनियों का बोलबाला रहेगा : आर प्रसाद, पूर्व सदस्य
  • विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों पर जुर्माना लग सकता है : आर प्रसाद, पूर्व सदस्य
  • इन कंपनियों पर केस बनता है, लेकिन उसको फाइनल पर लाने में समय लगेगा : आर प्रसाद, पूर्व सदस्य
  • इन कंपनियों से सामान खरीदकर देश का पैसा बाहर जा रहा है  : आर प्रसाद, पूर्व सदस्य
  • विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों की वजह से हमारी दुकानें बंद होती जा रही हैं : सुशील कुमार जैन, व्यापारी
  • विदेशी ई-कॉमर्स वाले घर बैठे आर्डर करते हैं, उनको वास्तविक मूल्यों की समझ नहीं : सुशील कुमार जैन, व्यापारी
  • ये कंपनियां कंज्यूमर्स के साथ ब्लैकमेलिंग कर रही हैं  : सुशील कुमार जैन, व्यापारी
  • बाहरी कंपनियां कहा से सामान ला रही हैं कुछ नहीं पता: सुशील कुमार जैन, व्यापारी
  • कोरोना काल में लोकल किराना स्टोर वालों ने काफी मदद की है : साधना सिंह, दिल्ली, दर्शक
  • विदेशी ई-कॉमर्स से देश की और गरीब होता जा रहा है, दूसरे देश अमीर : साधना सिंह, दिल्ली, दर्शक
  • बाहरी कंपनियां हमारे देश को अपंग बनाना चाहती हैं : साधना सिंह, दिल्ली, दर्शक
  • विदेशी कंपनियों से खरीद पर हमारे बैंक कैशबैक देते हैं  : प्रवीण खंडेलवाल, महासचिव
  • विदेशी कंपनियों के साथ बैंकों की साठगांठ है : प्रवीण खंडेलवाल, महासचिव
  • इन कंपनियों की फास्ट ट्रैक जांच की जानी चाहिए  : प्रवीण खंडेलवाल, महासचिव
  • कोरोना काल में हमारे व्यापारियों ने घर-घर जाकर सामान पहुंचाया : प्रवीण खंडेलवाल, महासचिव
  • ई-कॉमर्स कानूनों को तुरंत लागू किया जाना चाहिए : प्रवीण खंडेलवाल, महासचिव
  • भारत के व्यापारी बाहर की कंपनियों की गुंडागर्दी नहीं चलने देंगे : प्रवीण खंडेलवाल, महासचिव
  • बाहरी कंपनियां ब्लैकमेल और लोगों को गुमराह कर रही हैं :सुहेल सेठ, लेखक
  • सबको सामान बेचना का हक, लेकिन भारत के कानून का पालन होना चाहिए  :सुहेल सेठ, लेखक
  • हमारे देश में दो कानून एक स्वदेशी के लिए और दूसरा विदेश के लिए  :सुहेल सेठ, लेखक
  • बाहरी कंपनियां हमारे देश में कैंसर फैलाने का काम कर रही हैं  :सुहेल सेठ, लेखक
  • विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां अमेजन-फ्लिपकार्ट से छोटे व्यापारियों को बचाया जाए : देवराज, सदर बाजार, व्यापारी