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Chandrayaan 2 Moon Landing: अब कहीं भी हों आप, अपनी आंखों से देखिए चंद्रयान 2 की LIVE लैंडिंग

चंद्रयान 2 के इस प्रोजेक्ट को लेकर भारत सहित पूरे संसार भर की नजरें चांद पर इंसान की सफलता रचने का साक्षी बनना चाहती हैं.

Updated on: 06 Sep 2019, 03:48 PM

नई दिल्ली:

देश का दूसरा चांद पर मिशन अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचने वाला है. चंद्रयान 2 के इस प्रोजेक्ट को लेकर भारत सहित पूरे संसार भर की नजरें चांद पर इंसान की सफलता रचने का साक्षी बनना चाहती हैं. वहीं इसके लिए इसरो (ISRO) ने इससे पहले भी इस प्रोजेक्ट के हर अहम पड़ाव की जानकारी सभी से साझा की है. अब इसी क्रम में नेशनल जियोग्राफिक (National Geographic) चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2) की लैंडिंग को ब्रॉडकास्ट करने वाला है. इसका मतलब अब यह ऐतिहासिक पल आप आपने घर बैठे देख पाएंगे.

6 सितम्बर को 1:30am-2:30am के बीच चंद्रयान 2 चांद पर लैंड करेगा. टीवी चैनल इस एक्सक्लूसिव लाइव शो में नासा (NASA) के खगोलयात्री को लेकर आएंगे, जो अपने अनुभव इस शो में साझा करेंगे. यह शो नेशनल जियोग्राफिक और Hotstar पर 6 सितम्बर 2019 को 11:30PM लाइव ब्रॉडकास्ट किया जाएगा. यह Hotstar पर देखने के लिए उपलब्ध रहेगा.

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जेरी लिनेगर को स्पेस की हिस्ट्री में हुए सबसे खतरनाक मिशन पर लगी आग से बच कर निकलने के लिए जाना जाता है. उन्होंने रशियन स्पेस स्टेशन MIR में लगभग 5 महीने गुजारे थे. वो स्पेस से जुड़े अपने अनुभवों को नेशनल जियोग्राफिक द्वारा ब्रॉडकास्ट किए जा रहे स्पेशल प्रोग्राम में साझा करेंगे. बता दें, जुलाई 22 को Rs 978 करोड़ के चंद्रयान 2 को ISRO द्वारा स्पेस में लांच किया गया था.

‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ की चांद पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ को यान में समन्वित ढंग से लगे कम से कम आठ उपकरणों द्वारा अंजाम दिया जाएगा.

‘विक्रम’ शनिवार तड़के डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करेगा. ‘विक्रम’ के अंदर रोवर ‘प्रज्ञान’ होगा जो शनिवार सुबह साढ़े पांच से साढ़े छह बजे के बीच लैंडर के भीतर से बाहर निकलेगा.

शनिवार तड़के यान के लैंडर के चांद पर उतरने से पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक वीडियो के माध्यम से समझाया कि ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कैसे होगी. अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ सुनिश्चित करने के लिए मशीन में तीन कैमरे-लैंडर पोजीशन डिटेक्शन कैमरा, लैंडर होरिजोंटल विलोसिटी कैमरा और लैंडर हजार्डस डिटेक्शन एंड अवोयडेंस कैमरा लगे हैं.

इसके साथ दो के. ए बैंड-अल्टीमीटर-1 और अल्टीमीटर-2 हैं. लैंडर के चांद की सतह को छूने के साथ ही इसरो चेस्ट, रंभा और इल्सा नाम के तीन उपकरणों की तैनाती करेगा.