ANI
राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) ने शुक्रवार को इस आरोप को गलत बताया कि उसने केरल के वरिष्ठ सांसद ई. अहमद के निधन की खबर को दबाने की कोशिश की थी। अस्पताल ने कहा कि अहमद जीवित अवस्था में अस्पताल लाए गए थे। उनका निधन बुधवार तड़के 2.15 बजे हुआ।
आरएमएल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट (एमएस) ए.के.गडपाएले ने बताया, 'हम पर कोई राजनैतिक दबाव नहीं था। प्रोटोकॉल इस बात की इजाजत नहीं देता कि उपचार के दौरान किसी को आईसीयू में जाने दिया जाए। अहमद उस वक्त जीवित थे, जब अस्पताल लाए गए थे। उनका निधन तड़के 2.15 पर हुआ। आरोपों से मुझे तकलीफ पहुंची है।'
Why should we come under any pressure, putting such allegations is demoralising: AK Gadpayle, Medical Superintendent, RML #EAhamedpic.twitter.com/7HOxqcz5oL
— ANI (@ANI_news) February 3, 2017
गडपाएले के मुताबिक, अहमद की बेटी (जोकि डॉक्टर हैं) को मॉनीटर दिखाया गया था। पिता के बारे में मिली जानकारियों से वह 'बहुत संतुष्ट' थीं।
एमएस का यह स्पष्टीकरण शुक्रवार को तब आया जब मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने आरोप लगाया कि अहमद के निधन की खबर दबाई गई। पार्टी ने मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय को भी शामिल करते हुए इसकी जांच कराने की मांग की है।
विपक्ष का आरोप है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने जान बूझकर अहमद की मौत की खबर छिपाई ताकि पहली फरवरी को बजट तय कार्यक्रम के अनुसार पेश हो सके।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, 'यह गंभीर मामला है। एक मौत हुई और आप इसे एक मामूली प्रशासनिक मुद्दे-बजट के कारण परिवार के सदस्यों से छिपाने की कोशिश करते हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।'
कांग्रेस सांसद के.वी.थामस ने इससे पहले अहमद की मौत की खबर को दबाने का आरोप लगाया था। आरएमएल ने इस पर बयान जारी कर अपनी सफाई दी थी।
बयान में एमएस गडपाएले ने कहा था, 'अस्पताल लाए जाने के समय उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। विशेषज्ञों की एक टीम ने उन्हें पेसमेकर पर रखकर रिवाइव किया था। आरएमएल के चिकित्सकों ने अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन कई तरह की शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं से घिरे अहमद को बचाया नहीं जा सका और तड़के 2.15 बजे उनकी मौत हो गई।'
/newsnation/media/agency_attachments/logo-webp.webp)
Follow Us