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राजस्थान से ISI का संदिग्ध जासूस गिरफ्तार, हनी ट्रैप में फंसकर गोपनीय जानकारी देने का आरोप

पाकिस्तान सीमा से सटे जैसलमेर में पुलिस और खुफिया विभाग ने सेना के एक जवान को गिरफ्तार किया है जिसपर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने और कई अहम और गोपनीय जानकारी दुश्मन देश की खुफिया एजेंसी को देने का आरोप लगा है

Updated on: 04 Jan 2019, 08:29 PM

नई दिल्ली:

राजस्थान में सुरक्षबलों और खुफिया विभाग को बड़ी कामयाबी मिली है. पाकिस्तान सीमा से सटे जैसलमेर में पुलिस और खुफिया विभाग ने सेना के एक जवान को गिरफ्तार किया है जिसपर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने और कई अहम और गोपनीय जानकारी दुश्मन देश की खुफिया एजेंसी को देने का आरोप लगा है. सूत्रों के मुताबिक जिस जवान को गिरफ्तार किया गया है उसपर सुरक्षा एजेंसियों बीते कई दिनों से नजर बनाए हुई थी और इस दौरान उसकी गतिविधि संदिग्ध पाई गई.

सूत्रों के मुताबिक आशंका जताई जा रही है कि भारतीय जवान को हनी ट्रैक के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने फंसाया और फिर वीडियो कॉलिंग और व्हाट्स ऐप के जरिए गोपनीय जानकारी दी. रिपोर्ट के मुताबिक जानकारी साझा करने के बदले पाकिस्तान से जवान के खाते में 15 हजार रुपये भी भेजे गए हैं. संदिग्ध जासूस को जैसलमेर से गिरफ्तार किए जाने के बाद राजधानी जयपुर लाया गया है जहां उससे कई सुरक्षा एजेंसियां एक साथ पूछताछ कर रही है. संभावना जताई जा रही है कि संदिग्ध जवान से कई अहम सुराग मिल सकते हैं.

गौरतलब है कि पाकिस्तान में हनी ट्रैप के जरिए भारतीय सेना के जवानों को फंसाने का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले यूपी में भी सेना के एक अफसर को इस तरह के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है.

इससे पहले एक फरवरी को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी को गिरफ्तार किया गया था. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए वायुसेना अधिकारी से पूछताछ हुई थी. सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार किया गया वायुसेना का अधिकारी कई ऐसी गतिविधियों में लिप्त था. वो गैरकानूनी तरीके से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर रहा था जो नियमों के खिलाफ था.

अधिकारी को कुछ दिनों पहले ही हिरासत में लिया गया है. इस समय आरोपी अधिकारी से वायुसेना की केंद्रीय सुरक्षा और जांच टीम पूछताछ कर रही है. सूत्रों का कहना है कि अधिकारी के 'अवांछित' गतिविधियों का पता उस समय चला जब विभाग रूटीन काउंटर इंटेलिजेंस सर्विलांस कर रहा था.

अधिकारी ने बताया, 'गिरफ्तार किया गया अधिकारी दिल्ली में पोस्टेड था और संभवतः वो पाकिस्तान के लिये जासूसी कर रहा था.'