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हनीट्रैप मामले में खुफिया एजेंसी को मिली सफलता, ISI का एजेंट गिरफ्तार, 17 बार चुका है पाकिस्तान

हनीट्रैप मामले में स्पेशल पुलिस स्टेशन और इंटेलिजेंस ब्यूरो ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट गिरफ्तार किया है.

Updated on: 25 Mar 2019, 09:42 PM

नई दिल्ली:

जयपुर में स्पेशल पुलिस स्टेशन और इंटेलिजेंस ब्यूरो ने हनी ट्रैप के मामले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट गिरफ्तार किया है. आरोपी मोहम्मद परवेज दिल्ली का रहने वाला है. मोहम्मद परवेज मोबाइल रिटेलरों से मिलीभगत कर फर्जी तरीके से सिम लेता था. आरोपी व्हाट्सएप के जरिए गोपनीय सूचना देता था. गोपनीय सूचना भारतीय सेना के जवानों को हनी ट्रैप में फंसा कर ली रही थी. इसके बाद सेना से जुड़ी सूचना पाकिस्तान को देता था. फिलहाल, खुफिया एजेंसी पूरे मामले की गहन जांच पड़ताल कर रही है.

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अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा के निर्देशन में स्पेशल पुलिस स्टेशन ने जयपुर में हनीट्रैप मामले में बड़ी कामयाबी हासिल की है. स्पेशल पुलिस ने पाक खुफिया एजेंसी के इशारे पर काम करने वाले दिल्ली निवासी एर्जेंट मोहम्मद परवेज पुत्र स्वर्गीय मोहम्मद अनवर (42) निवासी 1867, गली पत्ते वाली, सुईवालान, पुलिस थाना चांदनी महल, दिल्ली को गिरफ्तार किया है. इसके बाद पुलिस ने मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट जयपुर महानगर के समक्ष पेश कर अनुसंधान हेतु 29 मार्च तक के लिए रिमांड में ले लिया है. 

उमेश मिश्रा ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि अभियुक्त मोहम्मद परवेज के पाक खुफिया एजेंसी के हैंडलर ऑपरेटरों से सीधे संपर्क जुड़े हुए हैं. अभियुक्त द्वारा विगत 18 वर्षों में 17 बार पाकिस्तान की यात्रा की है और अभियुक्त द्वारा सामरिक महत्व की गोपनीय सूचनाएं पाक खुफिया एजेंसी तक पहुंचाने में सहयोग हेतु आवश्यक मदद भारत निवास के दौरान एवं पाकिस्तान भ्रमण के दौरान की जाती रही है.

उन्होंने बताया कि अभियुक्त द्वारा दिल्ली पाक दूतावास से लोगों को जल्दी पाकिस्तानी वीजा दिलवाने का आश्वासन देकर पासपोर्ट, फोटो तथा रुपये ले लिए जाते थे. इसके बाद लोगों के पासपोर्ट एवं फोटो के आधार पर फर्जी तरीके से सिम कार्ड मोबाइल सिम विक्रेता रिटेलरों से मिलीभगत कर जारी करवा कर सिमों को एक्टिवेट कराने के उपरांत उक्त मोबाइल नंबर पाक हैंडलिंग ऑपरेटरों को शेयर कर व्हाट्सएप डाउनलोड कर गोपनीय कोड भी शेयर किए जाते थे.

उमेश मिश्रा ने बताया कि उक्त भारतीय मोबाइल नंबरों पर पीआईओ द्वारा छद्म नाम से व्हाट्सएप संचालित कर सेना के जवानों से दोस्ती कर सामरिक महत्व की गोपनीय सूचनाएं प्राप्त की जा रही थीं. अभियुक्त को इस कार्य के लिए पाक खुफिया एजेंसी द्वारा धनराशि उपलब्ध कराई जाती थी. पूर्व में राष्ट्र विरोधी कार्यकलापों में लिप्त पाए जाने पर मोहम्मद परवेज को एनआईए द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है.