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पिछले 5 सालों में हजार भ्रष्ट अधिकारियों को गृह मंत्रालय ने किया बाहर, 86 पर कार्रवाई

जितेंद्र सिंह ने बताया कि पिछले 3 सालों में भ्रष्टातार के मामले में 86 आईएएस, आईपीएस और आईआरएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई दर्ज की गई है जबिक 26 के खिलाफ आरोप साबित हुए हैं

Updated on: 18 Jul 2019, 09:00 AM

नई दिल्ली:

गृह मंत्रासय ने पिछले पांच सालों में भ्रष्टाचार और खराब चाल-चरित्र के चलते 1083 अधिकारियों को बाहर किया है जबकि 86 आईएएस, आईपीएस और आईआरएस अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई जांच शुरू की गई है. पीएमओ के राज्य मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने ये जानकारी लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में दी. दरअसल बुधवार को लोकसभा में पूछा गया था कि भ्रष्टाचार के मामले में कितने अफसरों पर कार्रवाई हुई है और कितने अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित करने के मामले में फंसे हैं. इसके साथ ऐसे कितने अफसर हैं जो जांच शुरू होने के बाद विदेश भाग गए. ये प्रश्न बीजद सांसद भर्तुहरि महताब और बीजेपी सांसद संगीता कुमारी सिंह देव ने पूछा था.

इस प्रशन का जवाब देते हुए जितेंद्र सिंह ने बताया कि पिछले 3 सालों में भ्रष्टातार के मामले में 86 आईएएस, आईपीएस और आईआरएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई दर्ज की गई है जबिक 26 के खिलाफ आरोप साबित हुए हैं. उन्होंने कहा, कोई भी अफसर जांच शुरू होने के बाद विदेश नहीं भागा.

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बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व गठित नई सरकार भ्रष्टाचारियों और काम में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त बनी हुई है. केंद्र सरकार ने 312 सरकारी अधिकारियों को काम में लापरवाही बरतने के चलते जबरन रिटायरमेंट दे दिया था. जानकारी के मुताबिक इसमें कई सीनियर तो कई जॉइंट सेक्रेटरी रैंक के अधिकारी भी मौजूद हैं. इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने भी जीरो टॉलरेंस की नीति पर सख्ती से अमल करते भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई की थी जिसमें दो साल के भीतर 600 से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी. इनमें से 200 अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट दिया गया था, जबकि 400 से ज्यादा अधिकारियों को बृहद दंड दिया गया है.

इससे पहले केंद्र सरकार ने 15 वरिष्ठ अधिकारियों को अनिवार्य रूप से रिटायरमेंट दे दिया था. ये 15 वरिष्ठ अधिकारी मुख्य अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के प्रधान आयुक्त, आयुक्त, और उपायुक्त के रैंक के थे. इन अधिकारियों को ऑर्टिकिल 56 के तहत रिटायरमेंट दिया गया.

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बता दें, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने ऐसे अधिकारियों की सूची बनाई है जिनकी उम्र 50 साल से अधिक है और वो अपने काम के मुताबिक काम नहीं कर पा रहे हैं उन्हें केंद्र सरकार नियम 56 के तहत सेवानिवृत्त किया जा रहा है इससे पहले भी कई वरिष्ठ अधिकारियों को ऑर्टिकिल 56 के तहत सेवानिवृत्त किया गया है. मोदी सरकार ने इससे पहले अपने पहले कार्यकाल में ही ऐसे अधिकारियों के काम के आधार का मूल्यांकन कर चुकी थी.