पुलवामा में सीएआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले को लेकर एयर ट्रांजिट की खबर सामने आई, जिसका गृह मंत्रालय ने खंडन किया है. कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि सीआरपीएफ जवानों ने जम्मू-श्रीनगर क्षेत्र के लिए एयर ट्रांजिट यानी हवाई यात्रा की अनुमति मांगी थी, लेकिन गृह मंत्रालय ने अनुमति नहीं दी. गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ सालों में गृह मंत्रालय ने सेंट्रल आर्म्ड पार्लियामेंटरी फोर्स की हवाई यात्रा को बढ़ाया है ताकि जवानों की यात्रा के समय में बचत की मदद मिले. गृह मंत्रालय ने ट्वीट में कहा, 'मीडिया में ऐसी खबरे प्रकाशित हुई हैं कि सीआरपीएफ जवानों को जम्मू से श्रीनगर लाने के लिए हवाई यात्रा की व्यवस्था करने से इनकार कर दिया था, यह खबर सच नहीं हैं.'
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सूत्रों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से सीएपीएफ जवानों की हवाई यात्रा का ऑपरेशन लागू है. शुरुआत में जम्मू-श्रीनगर-जम्मू क्षेत्र शामिल था. दिसंबर में सीआरपीएफ जवानों की गुजारिश पर इसे दिल्ली-जम्मू-श्रीनगर-जम्मू-दिल्ली तक बढ़ा दिया गया था. बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले में एक आत्मघाती हमला किया. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे.
पुलवामा जिले में आतंकी ने श्रीनगर-जम्मू हाई-वे पर अपनी विस्फोटकों से लदी एसयूवी सीआरपीएफ की बस से टकराकर उसमें विस्फोट कर दिया. धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए और आस पास जवानों के शव टुकड़ों में सड़क पर बिखेर गए. जैश ए मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. पुलिस ने आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है. उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था. हमलावर की पहचान कमांडर आदिल अहमद दार के रूप में हुई है.
Source : News Nation Bureau