गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की, नेताओं को रिहा करने की चर्चा

जम्मू कश्मीर में जनजीवन अब भी बाधित है. स्कूल और अन्य अकादमिक संस्थान अभी पूरी तरह खुले नहीं है

जम्मू कश्मीर में जनजीवन अब भी बाधित है. स्कूल और अन्य अकादमिक संस्थान अभी पूरी तरह खुले नहीं है

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Sushil Kumar
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अमित शाह ने राम मंदिर आंदोलन के नेता अशोक सिंघल को याद किया

अमित शाह( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के तीन महीने बाद मंगलवार को केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. यह शाह और नव निर्मित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के शीर्ष सिविल और पुलिस अधिकारियों के बीच पहली बैठक है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुख्य सचिव बी वी आर सुब्रमण्यम और पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने केंद्र शासित प्रदेश में मौजूदा हालात खासतौर से मोबाइल फोन नेटवर्कों पर से प्रतिबंध हटाए जाने के बाद की स्थिति के बारे में शाह को बताया.

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बहरहाल, अभी यह नहीं पता चला है कि क्या बैठक में नेताओं को रिहा करने की संभावना के बारे में चर्चा की गई. ये नेता पांच अगस्त से हिरासत में हैं जब केंद्र ने भूतपूर्व राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द करने की घोषणा की थी. जो नेता हिरासत में हैं उनमें पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती शामिल हैं.

जम्मू कश्मीर में जनजीवन अब भी बाधित है. स्कूल और अन्य अकादमिक संस्थान अभी पूरी तरह खुले नहीं है जबकि बाजार और व्यावसायिक प्रतिष्ठान कुछ अवधि के लिए आंशिक रूप से खुल रहे हैं. सोमवार को श्रीनगर में ग्रेनेड हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गयी और 12 से अधिक अन्य लोग घायल हो गए. केंद्रीय गृह सचिव अजय के. भल्ला और गृह मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा जम्मू कश्मीर प्रशासन के अधिकारी बैठक में मौजूद रहे.

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