केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान वर्षों पहले पाकिस्तान में अपना सब कुछ छोड़कर लखनऊ आए 55 निर्वासितों को भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र बांटे।
शाम चार बजे अवध चौराहे पर आयोजित इस कार्यक्रम में जिन लोगों को गृहमंत्री ने भारतीय नागरिकता दी है, उन्हें तीन साल पहले विस्थापित जीवन यापन करने को मजबूर लोगों को देश में नागरिक का दर्जा दिलाने का वादा किया था।
गृहमंत्री ने इस कार्यवाही को अंजाम देने के लिए लखनऊ के जिलाधिकारी को विशेषाधिकार सौंपा था जिसके बाद यह संभव हो पाया।
इस दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जब उन्होंने गृहमंत्री पद की शपथ ली थी तब उनसे एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की थी। जिन्होंने विस्थापित पाकिस्तानियों जो कि भारत में रह रहे हैं उनके लिए देश की नागरिकता की मांग की थी।
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राजनाथ ने कहा, 'बहुत पहले से मेरे दिल में था कि कभी अवसर मिले तो इस काम को चुटकी बजाते ही करूंगा।'
इस दौरान उन्होंने पाकिस्तानी की दोहरी नीतियों पर राजनाथ ने कहा, 'भारत-पाकिस्तान के बीच समझौता हुआ था कि जो भी अल्पसंख्यक हैं उनके साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा पर पाकिस्तान ने इसका उल्लंघन किया।'
हालांकि बाद में उन्होंने इस बात का जिक्र किया, 'चुनाव के समय इन लोगों ने आकर मुझसे बात की थी। इस बात को मैंने गंभीरता से लिया और पदभार गृहण करते हुए इस तरफ कदम उठाया और यह सपना साकार हुआ।'
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Source : News Nation Bureau