संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है. इस बीच आज यानी बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन पर रिपोर्ट पेश करेंगे. महाराष्ट्र में फिलहाल राष्ट्रपति शासन लागू है. यहां कोई भी दल राज्यपाल द्वारा दिए गए समय में बहुमत साबित करने में असफल रहा था जिसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी और राष्ट्रपति ने इस पर मुहर लगा दी थी. ऐसे में केंद्र सरकार आज इस पर रिपोर्ट पेश करेगी.
वहीं दूसरी तरफ आज ही एनसीपी और कांग्रेस नेताओं के बीच दिल्ली में बैठक होने वाली है. एनसीपी नेता शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, अजित पवार और कांग्रेस की ओर से अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे, पृथ्वीराज चव्हाण, अशोक चव्हाण और कई नेता बैठक में शामिल होंगे. बैठक में सरकार निर्माण को लेकर रणनीति बनाई जाएगी. वहीं इससे पहले 17 नवंबर को शरद पवार और सोनिया गांधी के बीच बैठक हुई थी. बैठक का परिणाम बेनतीजा रहा. इसके बाद फिर से बैठक आयोजित की जा रही है.
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इसके अलावा शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शिवसेना विधायकों की बैठक 22 नवंबर को बुलाई है. बता दें, महाराष्ट्र में एनसीपी, कांग्रेस और शिवसनेका के बीच 50-50 फॉरर्मूले को लेकर बात अटकी हुई दिखाई दे रही है. बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) बीच न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर चल रही बातचीत के बीच शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे द्वारा अपने बेटे आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने पर दिया जा रहा जोर, सरकार गठन की राह में सबसे बड़ी बाधा बन रहा है. एनसीपी के कई नेता इसे पसंद नहीं कर रहे हैं.
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एक वरिष्ठ सूत्र ने मीडिया से कहा कि उद्धव ठाकरे अपने बेटे आदित्य ठाकरे को सीएम बनाने की बात कह रहे हैं. इससे एनसीपी के कई नेता असहज महसूस कर रहे हैं जो आदित्य जैसे नौसिखिए के साथ काम नहीं करना चाहते हैं. एनसीपी नेता शिवसेना की कार्यशैली व विचारधारात्मक विरोधाभासों को लेकर भी चिंतित हैं. शिवसेना नेता संजय राउत ने भी कहा कि 'शरद पवार के बयानों को समझना कोई आसान काम नहीं है.'